लखीमपुर खीरी: सर्दियों में किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि जानवर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहें. क्योंकि अगर जानवरों को जब सही आहार नहीं मिलता है तो वह बीमार हो जाते हैं. ऐसा लगता है कि दूध का उत्पादन भी कम हो जाता है. ऐसे में किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है.
मक्खन घास से बाल्टी भर-भरकर दूध देंगे जानवर
सर्दियों के मौसम में पशुपालक अपने पशुओं को हरे चारे में बरसीम खिलाते हैं, लेकिन अगर किसान सर्दियों में अपने पशुओं को बरसीम की जगह पर मक्खन घास खिलाए तो दूध उत्पादन 20-25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. बरसीम में कीट लगने की समस्या भी होती है, लेकिन मक्खन घास की खास बात होती है. इसमें कोई कीट भी नहीं लगता है. जानवर इसे अच्छे तरीके से खाते भी हैं.
एनिमल एक्सपर्ट से जानें सबकुछ
एनिमल एक्सपर्ट डॉक्टर नागेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि गांव में किसान पशुपालन करते हैं. जानवरों को हरा चारा नहीं मिलता है तो दूध उत्पादन में कमी आती है. उनका व्यापार पर भी असर पड़ता है, जिससे वह बेहद परेशान हो जाते हैं.
40 दिनों में शुरू हो जाती है कटाई
बता दें कि मक्खन घास सर्दियों का चारा होता है. इसकी बुवाई अक्टूबर से दिसंबर महीने में की जाती है. अगर आपने इसकी अक्टूबर महीने में बुवाई की है तो 35-40 दिनों में पहली कटाई मिल जाती है उसके दूसरी कटाई 20-25 दिनों में मिल जाती है. इस तरह मक्खन घास से 5-6 कटाई मिल जाती है. एक्सपर्ट ने बताया कि इस घास में 15 प्रतिशत प्रोटीन भी पाया जाता है. यह घास जानवरों में बीमारी और सूजन को रोकने में भी मदद करती है. मक्खन घास से जानवरों के दूध के उत्पादन में वृद्धि होती है.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 12:01 IST