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दो युवकों ने कमाए 4 करोड़ रुपये, पीछा करते पहुंची पुलिस, कमाई का तरीका जान, रह गई सन्न

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जयपुर. फोन-पे पेमेंट ऐप के साथ जुड़कर राजस्थान के दो युवकों ने 4 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया. दोनों युवक कस्टमर सर्विस के नाम पर कंपनी से जुडे़ थे. पुलिस को दोनों आरोपियों को पास से 4 लाख नकदी, 70 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 6 मोबाइल बरामद हुए. मामला जयपुर के साइबर थाने से जुड़ा है. जांच अधिकारी श्रवण कुमार ने बताया कि 27 जून 2024 को थाने में फोन-पे की ओर से एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. शिकायत में बताया कि ‘कंपनी के साथ बीते छह महीने में 3,97,28,561 रुपये की ठगी की गई है. इस ठगी के लिए 964 कार्ड का उपयोग किया गया है. ठगी की वारदात को क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर पे-बैक फैसिलिटी का दुरुपयोग करके अंजाम दिया गया है. इसमें कस्टमर के रुपये व्यापारी के खाते में ट्रांसफर नहीं होते हैं. फोन-पे अपने खाते से ये पैसे चुकाता है.

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की. जांच में लालसोट के श्रीरामपुरा गांव निवासी मनराज मीणा (24) और मेहंदीपुर बालाजी सिकराय स्थित गांव नाहरखोरा निवासी लेखराज सेहरा (23) का नाम सामने आया. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जांच में यह भी सामने आया कि दोनों आरोपियों ने कंपनी से जुड़ते समय फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल किया था.

इस तरह से ठगी को देते थे अंजाम
दोनों आरोपियों को फोन-पे ने ट्रांजेक्शन के लिए की पीओएस मशीन (प्वॉइंट ऑफ सेल मशीन) दे रखी थी. जब किसी फोन-पे ग्राहक की शिकायत आती कि ट्रांजेक्शन फेल हो गया है यानि उसके खाते से पैसे कट गए हैं लेकिन व्यापारी के खाते में पेमेंट क्रेडिट नहीं हुआ है, ऐसे लोगों की मदद के लिए दोनों आरोपी जाते थे. दोनों ठग क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर बैंक से संपर्क साधते थे और शिकायत दर्ज कराते थे. शिकायत के आधार पर बैंक आरोपियों से जुड़े फोन-पे अकाउंट में पैसा जमा कर देता था तो आरोपी लोग शिकायत करने वाले (पेमेंट करने वाला या रिसीव करने वाला) को पैसे ना देकर खुद रुपये निकाल लेते थे. शिकायत करने वाले को पेमेंट मिलने का भरोसा देते रहते थे.

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दोनों आरोपी फोन-पे बिजनेस को चलाने के लिए अपने बिजनेस अकाउंट से शिकायत करने वाले को पैसे ट्रांसफर कर देते थे. ऐसा इसलिए करते थे कि क्योंकि जब भी बैंक से पैसा आएगा वो शिकायतकर्ता से एडजस्ट कर लेगा. जब फोन-पे को इसकी जानकारी हो गई तो दोनों आरोपियों ने कंपनी के लिए काम करना बंद कर दिया.

फर्जी क्रेडिट कार्ड से भी ट्रांजैक्शन किए
इतना ही नहीं, पीओएस मशीन के जरिए फर्जीवाड़ा करने के लिए आरोपियों ने फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनवा रखे थे. फर्जी क्रेडिट कार्ड के जरिए भी पीओएस मशीन से ट्रांजैक्शन कर अकाउंट से रुपये निकाल लेते थे. एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई ने बताया कि दोनों आरोपियों की लोकेशन ट्रैस की गई. मनराज जगतपुरा में और लेखराज श्याम विहार कॉलोनी मालवीय नगर में रहता था. आरोपियों के पर्सनल नंबरों की जानकारी पुलिस के पास थी.

Tags: Cyber Fraud, Jaipur news, Rajasthan news, Shocking news



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