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धर्मशाला में 2024 में आवारा कुत्तों के काटने के 1,130 मामले सामने आए हैं, लेकिन नगर निगम के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए बजट का प्रावधान है, लेकिन कार्यवाही नहीं हो रही है.
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने धर्मशाला को पर्यटन राजधानी बनाने का ऐलान किया है. लेकिन स्मार्ट सिटी धर्मशाला में आवारा कुत्तों की समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है. इस समय धर्मशाला में आवारा कुत्तों का आतंक गया है.
साल 2024 में धर्मशाला के क्षेत्रीय अस्पताल में कुत्तों के काटने के 1,130 मामले दर्ज किए गए. इनमें से कई लोग धर्मशाला अस्पताल में इलाज नहीं करवाते हैं. नूरपुर की भड़वार पंचायत में दिसंबर 2024 में रेबीज से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. इसके बावजूद नगर निगम के पास आवारा कुत्तों का कोई रिकॉर्ड नहीं है और न ही उनकी समस्या से निपटने के लिए कोई योजना है.
नगर निगम की उदासीनता
नगर निगम धर्मशाला के वार्षिक बजट में कुत्तों के टीकाकरण और नसबंदी के लिए बजट का प्रावधान किया जाता है, लेकिन यह काम केवल कागजों में ही सीमित रह जाता है. गलियों में घूमने वाले कुत्ते पर्यटकों और स्थानीय लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं. स्कूल जाने वाले बच्चे विशेष रूप से चिंतित हैं. प्रशासन और संबंधित विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं और समस्या की अनदेखी कर रहे हैं.
पशु चिकित्सा विभाग का बयान
पशु चिकित्सा विभाग की डॉक्टर सीमा ने बताया कि यदि विभाग से कुत्तों को पकड़ने में मदद मिले तो वह उनकी नसबंदी कर सकते हैं. उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. नसबंदी के बाद कुत्तों को तीन- चार दिनों तक एक स्थान पर रखने की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसे में नसबंदी में कठिनाई आ रही है.
Kangra,Himachal Pradesh
January 14, 2025, 19:48 IST