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ध्यान दें नहीं तो रहना पड़ सकता है भूखा, इस दिन स्विगी, जोमैटो और अमेजन की नहीं होगी डिलीवरी, जानें वजह

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Zomato, Swiggy Strike : 28 जनवरी को राजधानी पटना में आप स्विगी या जोमैटो से कोई भी फूड आइटम नहीं मंगा सकते हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि स्विगी, जोमैटो, अमेजन सहित अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े डिलीवरी कर्मचारी 28 जनवरी को हड़ताल करने वाले हैं. 

हड़ताल की जानकारी देते लोग 

पटना. अगर आप स्विगी, जोमैटो, अमेजन जैसे अलग अलग प्लेटफॉर्म से कोई ऑर्डर मंगाते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आने वाले 28 जनवरी को इन ऑनलाइन साइट्स से राजधानी पटना में ऑर्डर की डिलीवरी नहीं होगी. 28 जनवरी को राजधानी पटना में आप स्विगी या जोमैटो से कोई भी फूड आइटम नहीं मंगा सकते हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि स्विगी, जोमैटो, अमेजन सहित अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े डिलीवरी कर्मचारी 28 जनवरी को हड़ताल करने वाले हैं.

पटना में बंद रहेगी डिलीवरी
28 जनवरी को अलग अलग कंपनियों के डिलीवरी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. अमेजन इंडिया वर्कर्स यूनियन ने इस बारे में जानकारी दी. यूनियन अध्यक्ष धमेंद्र कुमार ने बताया कि स्विगी, जोमैटो, अमेजन और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के अधिकारों और उनके साथ हो रहे शोषण को लेकर 28 जनवरी को पटना में बड़े पैमाने पर हड़ताल किया जायेगा.

इसका उद्देश्य प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को उनकी स्थिति की मान्यता, उचित मुआवजा और सामाजिक सुरक्षा का अधिकार दिलाना है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के श्रम मंत्रालय को दिसंबर 2023 में एक मसौदा कानून सौंपा गया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसमें पहचान संबंधी मुद्दे, श्रमिकों की मेहनत की कमाई में कटौती और जुर्माने के नाम पर साप्ताहिक वेतन की लूट जैसी गंभीर समस्याएं शामिल हैं.

त्रिपक्षीय बोर्ड का हो गठन
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के डिलीवरी कर्मचारियों और गिग वर्कर्स एसोसिएशन ने राजस्थान प्लेटफॉर्म वर्कर पंजीकरण और कल्याण अधिनियम 2023 की तर्ज पर बिहार में भी एक त्रिपक्षीय बोर्ड के गठन की मांग की है. इस बोर्ड में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, श्रम विभाग और प्लेटफॉर्म वर्करों के सामूहिक प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की जा रही है.

28 जनवरी को होने वाले हड़ताल में स्विगी, जोमैटो, और अमेजन वर्कर्स कलेक्टिव से जुड़े सैकड़ों कर्मचारी भाग लेंगे. पटना में राज्य सरकार के श्रम मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें उचित मुआवजा, काम के लिए सुरक्षा उपाय, और श्रमिकों की स्थिति की मान्यता की मांग की जाएगी. अध्यक्ष धमेंद्र कुमार ने बताया कि श्रमिकों को डिलीवरी के दौरान कड़ी मेहनत के बावजूद न्यूनतम भुगतान भी नहीं मिलता. पैनल्टी के नाम पर साप्ताहिक वेतन में कटौती, बिना किसी सुरक्षा और लाभ के काम करना, और कर्मचारियों की स्थिति को पहचानने की कमी जैसी समस्याएं उनके जीवन को कठिन बना रही हैं.

बिहार तक नहीं रहेगा सीमित  
उन्होंने आगे बताया कि प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के इस आंदोलन का असर सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर गूंज सकता है. इससे पहले, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों ने प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कदम उठाए हैं. अब बिहार में भी इसकी पहल हो रही है.

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स्विगी, जोमैटो और अमेजन से भूलकर भी ना मंगवाएं इस दिन ऑर्डर, नहीं होगी डिलीवरी



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