जीतन राम मांझी को शर्मा कहे जाने पर तेजस्वी यादव पर बीजेपी और जेडीयू का हमला. भाजपा ने दलित समुदाय का अपमान कहा तो जेडीयू ने कहा जनता आरजेडी से बदला लेगी.
पटना. नवादा में महादलित बस्ती में आगजनी की तपिश बिहार की सियासत में भी साफ अनुभव हो रही है. शुरुआत सवर्ण बनाम दलित का एंगल दिया गया, पर सच पता लगा तो यह दलित बनाम महादलित का विवाद हो गया. इसके बाद इसमें पिछड़े वर्ग की दबंग जातियों के नाम सामने आने पर भी जीतन राम मांझी ने जो तीखा प्रहार किया इसकी चोट सीधा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जा लगी. फिर क्या था तेजस्वी यादव ने भी जीतनराम मांझी पर जबरदस्त पलटवा किया और जीतन राम मांझी को जीतन राम शर्मा कह दिया. राजनीति के जानकार तेजस्वी यादव के इस हमले को भी जातीय प्रहार के संदर्भ में देख रहे हैं. लेकिन इसके पहले हम आपको बताते हैं कि तेजस्वी यादव ने जीतन राम मांझी को लेकर कहा क्या है.
दरअसल, जीतन राम मांझी ने नवादा भदोखर पंचायत की दलित बस्ती में आगजनी करने वालों में यादव समुदाय के लोगों के नाम आने के बाद जीतन राम मांझी ने निशाना साधा था. मांझी ने कहा था कि यादव जाति के लोगों ने ही दलित और महादलित को आमने-सामने कर दिया है. मांझी की इसी बात पर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा, उनके बेटे आरएसएस के स्कूल में पढ़ते हैं, जो आरएसएस पढ़ाती है वो ही बोलते हैं. मांझी नीतीश कुमार से मिलकर ज्ञापन क्यों नहीं देते. जीतन राम मांझी सीएम रह चुके हैं, उन्हे समझना चाहिए. हकीकत की जानकारी मांझी को नहीं है. तेजस्वी ने जीतन राम मांझी पर बड़ा हमला करते हुए कहा, नाम जीतन राम मांझी है, नाम मांझी है पर लोग जीतन राम शर्मा बुलाते हैं. मांझी को लोग जीतन राम शर्मा भी कहकर बुलाते हैं.
जाहिर तौर पर तेजस्वी यादव के इस बयान पर राजनीति गर्म होनी ही थी. जीतन राम मांझी ने भी एक्स पर पोस्ट लिखकर जवाब दिया और कहा, विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर,दरवाजों को तोड़ सकते हैं पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकते. घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल (गरेड़ी) जी आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकतें हैं पर हम नहीं. हम गर्व से कहते हैं ”हम मुसहर हैं”…लालू जी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं. जीतन राम मांझी ने आगे लिखा, लालू जी! पूरे बिहार में दलितों के जमीन पर और मुसलमानों के कब्रिस्तानों पर किस पार्टी के समर्थकों का कब्जा रहा है यह सबको पता है. आपने और आपके लोगों ने बहुत दबा लिया हमलोगों को, अब करारा जवाब मिलेगा.
वहीं, तेजस्वी यादव के जीतन राम शर्मा कहे जाने पर कहा भाजपा के नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि ये लोग जाति के नाम पर बिहार को बांटना चाहते हैं. शर्मा कहने का क्या मतलब है, किसकी तरह इशारा कर रहे हैं. जीतन राम मांझी बहुत सम्मानित नेता हैं, उनके लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग सही नहीं है. वहीं, तेजस्वी यादव को जेडीयू ने भी जबरदस्त तरीके से घेरते हुए कहा है कि दलित समुदाय इस अपमान का जवाब देगा.
जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जी राजनीतिक व्यंग्य, आलोचना और अपमान के शब्द में बुनियादी अंतर होता है. लेकिन आप अंतर समझने में तैयार कहां हैं, क्योंकि आप राजनीतिक सामंत हैं. माननीय जीतन राम मांझी दलित हैं, केंद्रीय मंत्री हैं, उनकी राजनीतिक आलोचना आप करिए लेकिन आपने उनके टाइटल के संदर्भ में जो कहा कि मांझी नहीं हैं, शर्मा हैं.. यह बताता है कि आपका दलितों की प्रति किसी राजनीतिक मानसिकता क्या है. निश्चित रूप से पूरा आधारित समूह इसको संज्ञान में लेगा कि राजनीति के नए सामंत माननीय तेजस्वी यादव जी दलितों का अपमान करने की राजनीतिक की नई परंपरा की शुरुआत की है.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 17:51 IST