यमुनानगर. बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट कई बार पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है. इसके बाद प्रदेश सरकार भी पराली जलाने के मामलों पर लगातार सख्त है. वहीं दूसरी तरफ रादौर के गांव बकाना का प्रगतिशील किसान राजेश सैनी पिछले 6 साल से पराली प्रबंधन कर किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहा है. राजेश का कहना है कि पराली को खेतों में ही मिलाने से जहां पैदावार में बढ़ोतरी हुई है, वहीं खाद पर लगने वाला अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ता है.
किसान राजेश सैनी ने बताया कि वह 2019 से पराली प्रबंधन कर रहे है. इससे फसल में खाद की लागत भी काम आती है. वहीं पैदावार में भी बढ़ोतरी हुई है. राजेश ने बताया कि खेत को तैयार करने के बाद न केवल गेहूं या धान, बल्कि अन्य फसल लगाने पर भी अच्छा रिजल्ट देखने को मिल रहा है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान भाई एक बार पराली को खेत में ही मिलाकर फसल लगाकर देखे की उन्हें इसका कितना फायदा मिलता है.
किसान ने की बड़ी डिमांड
वहीं किसान राजेश ने प्रदेश सरकार से पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को दी जाने वाले 1 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि में इजाफा करने की मांग की है, ताकि किसानों को पराली को खेतों में मिलाने पर आने वाले अतिरिक्त खर्च की कुछ भरपाई हो सके.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 16:41 IST