झारखंड का इकलौता टाइगर रिजर्व पलामू टाइगर रिजर्व है. यहां चार साल बाद बाघिन होने की पुष्टि हुई है. हैदराबाद के सेंटर सेल्यूलर मॉलिक्युलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के द्वारा स्कैट सैंपल की जांच कर इसकी पुष्टि की गई है. इसके बाद पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ साथ मॉनिटरिंग भी बढ़ा दी गई है.
पलामू टाइगर रिजर्व में 2018 में एक भी बाघ माजूद नहीं थे. पांच साल बाद 2023 के मार्च के महीने में पहली बार बाघ देखने को मिला. इसके बाद से अबतक इलाके में चार बाघों के पग मार्क और ट्रैप कैमरा में देखा गया है. वहीं 2023 में बाघिन होने की जानकारी पीटीआर प्रबंधन को मिली थी. जिसके बाद स्कैट सैंपल को जांच के लिए डब्लूआईआई और सीसीएमबी को भेजा गया. जिसके बाद सितंबर 2024 में सीसीएमबी हैदराबाद द्वारा सैंपल जांच कर बाघिन की पुष्टि की गई है.
इलाके में हाई अलर्ट जारी
पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जैना ने लोकल18 से कहा कि 2023 नवंबर के महीने में बाघिन के स्कैट सैंपल और पग मार्क मिले थे. जिसको जांच के लिए डब्लूआईआई और सीसीएमबी को भेजा गया था. वहीं सीसीएमबी, हैदराबाद द्वारा रिपोर्ट से साबित हो गया. इलाके में एक बाघिन भी है. जिसके बाद इलाके में हाई अलर्ट जारी है. ट्रैकर गार्ड और फॉरेस्ट स्टाफ लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है. हालांकि अब तक बाघिन की तस्वीर ट्रैप कैमरे में आई है.
सैंट्रल कॉरिडोर से बाघिन की हुई है एंट्री
ट्रैप कैमरे में बाघिन की तस्वीर नहीं आई है. जिस कारण इसका पता नहीं चल सका है. इसकी एंट्री किधर से हुई है. हालाकि पलामू टाइगर रिजर्व सेंट्रल और ईस्टन कॉरिडोर का हिस्सा है. इसी क्षेत्र से चार बाघ पलामू टाइगर रिजर्व में दाखिल हुए है. जिस कारण अनुमान लगाया जा सकता है. ये बाघिन भी सेंट्रल इंडियन कॉरिडोर से पीटीआर में एंट्री की है.
दो बाघ कर रहे है पीछा
कई स्थानों पर बाघ बाघिन के पैरों के निशान मिले है. जिससे ये साफ पता चलता है. बाघिन के पीछे पीछे बाघ भी है. दो अलग अलग बाघों के पैरों के निशान उसी क्षेत्र में कई बार मिले है. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघिन का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था. जिसके आ जाने के बाद अब बाघों की संख्या भी बढ़ेगी.
2020 के बाद अब बाघिन की पुष्टि
वर्ष 2020 में बेतला में एक बाघिन को मौत हो गई थी. जिसके बाद से इलाके में बाघ और बाघिन एक भी नहीं थे. मार्च 2023 में पहली बार बाघ की तस्वीर ट्रैप कैमरे में कैद हुई. जिसके बाद से इलाके में बाघ की संख्या बढ़कर 4 हो गई. वहीं अब इलाके में एक बाघिन के होने की भी पुष्टि हो गई है. ये बेहद खुशी की बात है. क्योंकि, इलाके में बाघों की गतिविधि बढ़ने से फिर से पलामू टाइगर रिजर्व की पहचान बढ़ेगी.
इलाके में चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर
डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि बाघों के भोजन के लिए हमारे द्वारा खास तैयारी की जा रही है. यहां इलाके में चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए है. यहां चीतल और हिरण को रखा गया है. जिनकी संख्या बढ़ने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व में अलग अलग क्षेत्र में इन्हे छोड़ा जाएगा. ताकि बाघों को भोजन मिल सके. इसके अलावा लैंडस्केप पर भी काम किया जा रहा है. जंगली जानवरों के लिए ग्रासलैंड संवर्धन, पानी की सुविधा समेत अन्य कार्य किए जा रहे है.
साइंटिफिक टाइगर ट्रैकिंग पर हो रहा काम
पलामू टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघ और बाघिन पूरी तरह स्वास्थ्य है. इनके गतिविधि पर नजर रखने के लिए फिल्ड स्टाफ लगातार नजर रख रहे है. इसके साथ साथ इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है. बाघों को प्रोटेक्शन देने के लिए हर स्तर पर कार्य किया जा रहा है. हमारे फिल्ड स्टाफ और ट्रैकर गार्ड बाघों के मूवमेंट पर नजर रखे हुए है. साथ हीं साइंटिफिक टाइगर ट्रैकिंग के लिए जेडएसआइ की टीम और डब्लूआईआई की टीम द्वारा मूवमेंट पर नजर रखा जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 14:22 IST