जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर से चौंकाने वाली खबर है. यहां एक 9 साल की बच्ची 4 दिनों से पिता का शव पाने का इंतजार कर रही है. वह जबलपुर की झुलसाती गर्मी में परिवार के साथ नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल में पुलिस चौकी के सामने बैठी है. दरअसल इस बच्ची के पिता का नाम अंकित मिश्रा है. वह सिवनी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में परिवार के साथ रहता था. 23 मई को कोतवाली में बाजार लगा था. यहां अंकित के साथ किसी ने मारपीट कर चाकू से हमला कर दिया. इस दौरान अंकित की पत्नी उसे बचाने आई तो उस पर भी चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया.
घायल अंकित और उसकी पत्नी को किसी तरह एंबुलेंस से जबलपुर के मेडिकल अस्पताल लाया गया. यहां एंबुलेंस चालक ने गलती से उसका नाम अंकित की जगह मनीष मिश्रा लिखवा दिया. इलाज के दौरान अंकित की मौत हो गई, वहीं उसकी पत्नी का इलाज चल रहा है. नाम लिखने में हुई छोटी सी गलती तीन दिन में भी सुधर नहीं पाई. इसी वजह से अंकित का पोस्टमॉर्टम भी नहीं किया गया. मेडिकल अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारियों ने नियमों का हवाला देकर पोस्टमॉर्टम रुकवा दिया. उन्होंने शव को मर्चुरी में रखवा दिया. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के हर अधिकारी से गुहार लगाई. लेकिन, किसी ने भी इस भीषण गर्मी में उनकी मदद नहीं की.
पुलिस अधिकारियों ने दिया आश्वासन
मेडिकल अस्पताल के रिकॉर्ड में अंकित की जगह मनीष नाम दर्ज था. यही नाम पुलिस चौकी पहुंची तहरीर में भी दर्ज हो गया. इसके बाद परिजनों ने उसका नाम सुधरवाने के लिए आधार और पैन कार्ड सहित तमाम दस्तावेज भी मुहैया करवा दिए. लेकिन, उसके बाद भी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. दूसरी ओर, अंकित का पोस्टमॉर्टम न होने से दुखी और परेशान परिवार के सदस्य सोमवार की दोपहर 44 डिग्री तापमान में चौकी के सामने धरने पर बैठ गए. इसके बाद देर शाम जैसे ही यह मामला पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए मेडिकल अस्पताल के रिकॉर्ड में नाम सुधरवाया.
FIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 08:58 IST