गुरुग्राम/नई दिल्ली. जालसाज नए-नए तरीकों से आमलोगों को अपनी जाल में फंसा रहे हैं. जानकारी के अभाव में कई लोग अपना सबकुछ गंवा बैठते हैं. फ्रॉड करने वाले ये अपराधी कॉल सेंटर के जरिये भी लोगों को चूना लगाते हैं. इनके निशाने पर खासतौर पर विदेश के लोग होते हैं. ये लोग उनसे डॉलर में पैसे ऐंठते हैं. दिल्ली NCR में ऐसा ही एक बड़ा मामला सामने आया है. साइबर क्राइम यूनिट की पुलिस ने 16 पुरुष और 4 महिलाओं को हिरासत में लिया है. ये लोग गुरुग्राम की एक पॉश कॉलोनी में 3 फ्लैट किराये पर लेकर रोजना दर्जनों फोन कॉल कर ठगी करने के गोरखधंधे में लिप्त थे. विदेशी नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट का झांसा देकर उनसे ठगी किया जाता था.
जानकारी के अनुसार, सोहना रोड पर फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसाइटी के तीन फ्लैटों में चलाए जा रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया है. चार महिलाओं सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपी ऑनलाइन टेक्निकल सपोर्ट देने के बहाने विदेशी नागरिकों को धोखा दे रहे थे. उनके कब्जे से 25 मोबाइल फोन, 16 लैपटॉप और 50,000 रुपये नकद बरामद किए गए. पुलिस के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली कि फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसाइटी के फ्लैट ए-20, 21 और 22 में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन तकनीकी सहायता के बहाने विदेशी नागरिकों को ठगा जा रहा है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के बाद साइबर क्राइम साउथ पुलिस स्टेशन की टीम ने शुक्रवार रात छापेमारी की, जहां पुरुष और महिलाएं लैपटॉप और मोबाइल फोन पर व्यस्त पाए गए.
बिल्डिंग में थे 40 लड़के, 33 लड़कियां… विदेशी होते थे कस्टमर, चुपके से पहुंची पुलिस तो फिर…
फोन पर बोल रहे थे फर्राटेदार अंग्रेजी
पुलिस ने बताया कि फ्लैट में मौजूद अधिकांश लोगों ने अपने हेडफ़ोन का उपयोग करके अंग्रेजी में कॉल करने में व्यस्त थे. पुलिस ने बताया कि पूछने पर वे दूरसंचार विभाग का कोई वैध OSP लाइसेंस या अपने काम से संबंधित कोई अन्य समझौता/एमओयू नहीं दिखा सके. फर्जी कॉल सेंटर से 4 महिलाओं समेत 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है. ज्यादातर आरोपी मणिपुर, नगालैंड और नेपाल के मूल निवासी हैं. पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम साउथ पुलिस स्टेशन में बीएनएस और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
डॉलर में लेते थे पैसा
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि इन किराए के फ्लैटों में मई से चल रहे कॉल सेंटर का मैनेजर महेंद्र बजरंग सिंह है. आरोपी बल्क वॉयस मेल/संदेश भेजते हैं और टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर पॉप अप के माध्यम से विदेशियों को धोखा देते हैं. डायलर/एक्स-लाइट एप्लिकेशन के माध्यम से उनके कंप्यूटर, लैपटॉप तक को रिमोट एक्सेस पर लेकर हर ग्राहक लगभग 100 से 500 डॉलर वसूलते थे. कंप्यूटर में तकनीकी खराबी का पता चलने के बाद कंप्यूटर सिस्टम को ठीक करने पर पैसे वसूलते थे. उन्होंने गिफ्ट कार्ड के माध्यम से 100-500 अमेरिकी डॉलर की राशि ली थी. साइबर क्राइम डिपार्टमेंट के ACP प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपियों से फिलहाल पूछताछ चल रही है.
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FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 18:27 IST