वैशाली. वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड के लोमा पंचायत के रोहुआ निवासी जितेंद्र प्रसाद राय की पुत्री मनिभा ने बिहार लोक सेवा द्वारा आयोजित 32 वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही 51 रैंक हासिल की है. उनका चयन असैनिक न्यायाधीश (कनीय कोटि) के पद पर हुआ है. उन्होंने ये सफलता हासिल कर परिवार और जिले का नाम रोशन किया है.
मनिभा के पिता सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं. मनिभा ने अपने माता-पिता के साथ पटना के हनुमान नगर में रहकर प्रथम वर्ग से 12वीं वर्ग तक की शिक्षा केंद्रीय विद्यायल कंकड़बाग पटना से प्राप्त की है. वहीं बी ए एलएलबी आनर्स की पढ़ाई उसने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार गया से की है. मनिभा ने बिना किसी कोचिंग के अपने पटना स्थित आवास पर रहकर अभिभावक के मार्गदर्शन में सेल्फ स्टडी कर प्रथम प्रयास में यह सफलता हासिल की है.
आसान नहीं था सफर
मनिभा बताती हैं कि हमने अपनी पढ़ाई की शुरुआत पटना के कंकड़बाग केंद्रीय विद्यालय की थी. उसके बाद साउथ बिहार से BA एलएलबी आनर्स की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद चार पांच महीने तक झारखंड हाई कोर्ट में कार्यरत रही. 2022 में जब वैकेंसी आई तब से हमने तैयारी शुरू कर दी. इस दौरान हमने काफी परेशानियों का सामना किया. पढ़ाई का प्रेशर अलग था, तो घर का प्रेशर अलग. मेरे माता जी और पिता जी शिक्षा को लेकर काफी जागरूक हैं यह लोग शुरू से ही चाहते थे कि मेरे घर का कोई सदस्य बड़े पद पर कार्यरत हो. हम लोगों की पढ़ाई के लिए मेरे पिताजी ने अपने घर को भी त्याग दिया था. हम लोगों को बचपन से ही लाकर पटना में रखा. परिवार से अलग रहना यह बहुत बड़ा डिसीजन था इसको लेकर मेरे दादाजी भी नाराज रहते थे. मेरी सफलता के पीछे दादाजी का बहुत बड़ा योगदान है उन्होंने हमारे पिताजी को पढ़ाया और शिक्षक बनाया और आज हमने उसी की बदौलत पढ़ाई कर सफलता पाई है. लेकिन दादाजी हमारे पिताजी से नाराज भी हो गए थे जब हम लोग अपने परिवार के साथ पटना आ गए थे. पढ़ाई के दौरान हमारे परिवार के सभी लोगों ने सहयोग किया उसी के बदौलत आज हमने सफलता पाई है.
FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 13:38 IST