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प्रयागराज में मौजूद है मुगलकालीन कई इमारतें, आप भी कर सकते हैं दीदार

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प्रयागराज: इलाहाबाद यानी कि प्रयागराज आदिकाल से ही अपने धार्मिक ऐतिहासिक एवं पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध है. प्रयागराज देश के चार प्रमुख महाकुंभ लगने वाली स्थलों में शामिल है. यह शहर प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत के इतिहास में अपना खास स्थान रखता है. ऐसा प्रतीत होता है कि प्रयागराज के बिना भारत का इतिहास अधूरा हो. यह हमेशा देश की मुख्य धुरी में बना रहता है. बात की जाए मुगलिया सल्तनत की तो आज भी प्रयागराज में इसके साक्ष्य मौजूद हैं, जो मुगल काल में प्रयागराज के महत्व को दर्शाते हैं.

मुगलों का प्रयागराज से रहा है ख्नास नाता

मुगल काल मध्यकालीन भारत के इतिहास का सबसे स्थाई शासन वाला काल माना जाता है. इस दौरान शासन में स्थायित्व प्राप्त होने के बाद मुगलों ने देश में बड़ी-बड़ी इमारतें बनवाने का काम शुरू किया. इसी दौरान मुगल बादशाह अकबर ने विशाल मुगल साम्राज्य की सुरक्षा के लिए इलाहाबाद में एक बड़े किले की नींव रखी. जिससे पूर्व के विद्रोही राज्यों अफगान, चुनार आदि से साम्राज्य की सुरक्षा हो सके.
जहांगीर के शासनकाल में भी प्रयागराज में चार प्रमुख मकबरों का निर्माण किया गया .जिनकी निर्माण शैली अद्वितीय है. प्रयागराज के खुसरो बाग में स्थित खुसरो का मकबरा, निसार बेगम का मकबरा एवं अमीर खुसरो की मां का मकबरा का निर्माण कराया गया है, जो इंडो-इस्लामिक शैली में बना है.

इंडो-इस्लामी शैली में बना हुआ है मकबरा

इतिहासकार विमल चंद्र शुक्ला बताते हैं कि खुसरो बाग में स्थित चारो मकबरों को ज्यामितीय विधि से एक सीधी रेखा में बनाया गया है. इन मकबरों के नीचे एक तल नीव दिखाई पड़ता है. इस चबूतरे के ऊपर ज्यामिति विधि से एक ताल के ऊपर गुंबद को बनाया गया है. इसको बनाने के लिए राजस्थानी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है. इंडो-इस्लामी शैली में बने मकबरे आज प्रयागराज के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में से एक हैं.

दारागंज में मौजूद है हरित मस्जिद

इतिहासकार बताते हैं कि जब औरंगज़ेब प्रयागराज अकबर के किले में आया था तो उसे समय उसने एक मस्जिद का निर्माण करवाया था. उस मस्जिद का नाम हरित मस्जिद है. हालांकि कुछ लोग बताते हैं कि इस मस्जिद को औरंगजेब ने एक मंदिर को तोड़कर बनवाया था. इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को तुड़वा दिया गया था. यह मस्जिद आज भी दारागंज में हरित मस्जिद के नाम से मौजूद है.

प्रवेश के लिए नहीं देना पड़ता है कोई शुल्क

मुगल बादशाहों के द्वारा प्रयागराज में निर्माण कराए गए इन शानदार इमारत को देखने के लिए सप्ताह के सातों दिन आ सकते हैं. सभी इमारतें पूर्णतः सरकार के अधीन है एवं इसमें प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है. अकबर का किला, प्रयागराज के संगम पर हरित मस्जिद, दारागंज एवं खुसरो का मकबरा प्रयागराज जंक्शन के पास स्थित है.

Tags: Historical monument, Local18, Mughal Emperor, Prayagraj News, Uttarpradesh news



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