राजेंद्र शर्मा
शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित प्रारंभिक उप शिक्षा निदेशक कार्यालय पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लयूडी) ने ताला जड़ दिया है. पुलिस की मौजूदगी में सीपीडब्लयूडी कार्यालय में ताला जड़ा गया. जिला अदालत में शिक्षा विभाग की याचिका खारिज होने के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई गई. सोमवार सुबह कर्मचारी अपने ऑफिस पहुंचे तो दरवाजे पर ताला लटका देखा. इसको लेकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. कर्मचारी प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में आला अधिकारियों से बात की. कर्मचारी कार्यालय के बाहर दिनभर बैठे रहे.
लोकसभा चुनावों को लेकर लगी आचार संहिता हटने के बाद कार्यालय में काम का बोझ काफी ज्यादा है. शिक्षक व गैर शिक्षकों के नियमितिकरण, पद्दोन्नति से लेकर जेबीटी की बैच वाइज नियुक्तियों की प्रक्रिया उप निदेशक कार्यालय से की जानी है और कार्यालय को सील करने के चलते यह सारे काम ठप पड़ गए. कार्यालय सील होने के बाद इसके भीतर कर्मचारियों से जुड़ा सारा रिकार्ड, कंप्यूटर, व विभाग का अन्य सामान मौजूद है. यह भवन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग का है और इसमें ऊपरी मंजिल पर केंद्रिय श्रम एवं रोजगार विभाग का कार्यालय है, जबकि एक फ्लोर में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक कार्यालय है. वर्ष 1970 से पहले से यह ऑफिस यहां चल रहा है.
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के इस्टेट ऑफिसर ने आदेश दिया था कि इसे खाली किया जाए. उप शिक्षा निदेशक की ओर से इसको लेकर जिला अदालत में चुनौती दी थी. यहां पर विभाग दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका और 28 मई को याचिका को खारिज कर दिया गया. विभाग को तीस दिनों के भीतर अगली अदालत में चुनौती देने का समय दिया गया था, लेकिन इससे पहले ही इस परिसर को सील कर दिया गया है.
1970 से चल रहा है कार्यालय: खिमटा
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के कार्यकारी उप निदेशक मोहेंद्र सिंह खिमटा ने कहा कि वर्ष 1970 से भी पहले से यह कार्यालय यहां पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रिय लोक निर्माण विभाग का यह भवन है. चूंकि हमारे पास इसके दस्तावेज नहीं है. निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग आशीष कोहली ने कहा कि पिछले काफी समय से यह केस चल रहा था. सुबह इस कार्यालय को सील किया गया है और विभाग कानूनी राय ले रहा है कि आगे क्या करना है. कर्मचारियों के बैठने के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. वहां पर सामान व जरूरी फाइलें है, उसे कैसे निकाला जाए, ताकि कामकाज सुचारू हो सके, इस पर विधि अधिकारियों के साथ चर्चा की जा रही है.
शिमला में 150 से ज्यादा भवन हैं और केंद्रीय विभागों की शिमला में लोक निर्माण विभाग, रेलवे सहित अन्य महकमों की काफी ज्यादा जमीन है. इसमें ज्यादातर भवन 1950 से पहले के बने हुए हैं. शिमला में विकास में सबसे बड़ी अड़चन केंद्रिय जमीन होने की पेश आती है. स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्य में भी सबसे बड़ी पेचिदगी सरकार की अपनी जमीन न होना आई थी.
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FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 07:49 IST