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फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली पहाड़ियों में पाषाण युग से लेकर द्वापर युग तक के कई प्राचीन अवशेष मिले हैं. यहां पुरातात्विक सर्वेक्षणों में बड़ी-बड़ी ईंटें, भाले, तलवारें और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं पाई गई हैं, जो संभावित नई सभ्यता के संकेत दे रही हैं.
कोट गांव अरावली में छुपी प्राचीन सभ्यता के रहस्य.
फरीदाबाद में कोट गांव की अरावली पहाड़ियां अपने प्राचीन इतिहास के लिए फेमस हैं. हाल ही में यहां हुए पुरातात्विक सर्वेक्षणों ने पाषाण युग से लेकर प्राचीन सभ्यताओं के कई अवशेषों को उजागर किया है. इन अवशेषों में विशेष रूप से बड़ी- बड़ी ईंटें मिली हैं, जो मौजूदा समय में उपयोग होने वाली ईंटों से काफी अलग हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ये ईंटें सिंधु घाटी और हड़प्पा सभ्यता से मेल खाती हैं. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि यहां किसी प्राचीन सभ्यता के अवशेष हो सकते हैं.
पुरातत्व विभाग के अधिकारी तेजवीर मावी के अनुसार अगर इस स्थल पर गहराई से शोध किया जाए तो यह एक नई सभ्यता को उजागर कर सकता है. कोट गांव में पहला पुरातात्विक सर्वेक्षण 2021 में हुआ था. इसके बाद 2022 में केरल से आई एक टीम ने भी यहां का अध्ययन किया. 2023 में चंडीगढ़ सर्कल और 2024 में हरियाणा पुरातत्व विभाग तथा चंडीगढ़ सर्कल ने संयुक्त रूप से सर्वेक्षण किया.
गांव के लोगों को मिली है भाले और तलवारें
यहां पर मिले अवशेषों से यह संकेत मिलता है कि प्रारंभिक काल में आदिमानव प्राकृतिक गुफाओं में रहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने पत्थरों से घर बनाना शुरू किया. इन अवशेषों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह स्थल द्वापर युग से जुड़ा हो सकता है. गांव के चरवाहों को यहां से भाले और तलवारें भी मिली हैं, जो प्राचीन काल के युद्धों और जीवनशैली की ओर इशारा करती हैं.
द्वापर युग से जुड़ा हो सकता है इतिहास
अरावली पहाड़ियों के इस क्षेत्र में लगातार कुछ न कुछ नई चीजें निकलती रहती हैं, जो इसके प्राचीन इतिहास को और रोचक बनाती हैं. यह संभावना जताई जा रही है कि यह स्थल द्वापर युग से भी जुड़ा हो सकता है. पुरातात्विक जांच के बाद यह स्पष्ट हो सकता है कि यहां का इतिहास और भी प्राचीन है.
अगर इस क्षेत्र में और अधिक शोध किया जाए तो इससे भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में नई जानकारी सामने आ सकती है. कोट गांव की अरावली पहाड़ियां अपने भीतर कई राज़ समेटे हुए हैं, जिन्हें आधुनिक विज्ञान और पुरातत्व के माध्यम से उजागर किया जा सकता है. इस क्षेत्र का अध्ययन भारत के प्राचीन इतिहास को नया आयाम दे सकता है.
Faridabad,Haryana
January 20, 2025, 15:53 IST