भोपाल. मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा दाल उत्पादक राज्य है. प्रदेश अन्य राज्यों में भी दालों की आपूर्ति करता है. केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए 14 फसलों की एमएसपी बढ़ाने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले का मध्य प्रदेश के अधिकतर किसानों ने स्वागत किया है. लेकिन, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने इसे महज ‘झुनझुना’ बताया है. अधिकतर किसानों का कहना है कि सरकार के समर्थन मूल्य बढ़ाने से किसानों की आय बढ़ेगी. यह केंद्र सरकार के किसान की आय को दोगुना करने के लक्ष्य में मील का पत्थर साबित होगा.
बता दें, मध्य प्रदेश में ही दलहन की हालत अच्छी नहीं है. दलहन की फसलों का रकबा लगातार कम होता जा रहा है. सरकार के इस फैसले से किसान को दलहन लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. एक जमाने में महाकौशल इलाका दलहन के लिए विख्यात था. नर्मदापुरम-पिपरिया की दाल पूरे देश में बिकती है. लेकिन, इसकी पैदावार लगातार कम हो रही है. एमएसपी बढ़ाने से किसान अब फिर दलहन की फसलों की बोवनी करेंगे.
किसान की जरूरत के वक्त लिया गया फैसला- पटेल
नर्मदापुरम के शोभापुर गांव के किसान अंजनि पटेल का कहना है कि सरकार का फैसला किसान के लिए खुशी की खबर है. वर्तमान में किसान की हालत अच्छी नहीं है. इसलिए सरकार ने उस वक्त यह फैसला किया है जब किसानों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. उनके बुरे वक्त को देखते हुए ही सरकार ने एमएसपी बढ़ाने फैसला किया.
सरकार का फैसला जमीन पर उतरना जरूरी
पिपरिया के किसान भोजपाल चौधरी का कहना है कि सरकार का फैसले से किसान को फायदा होगा. किसान खुश है. लेकिन, जरूरी बात यह है कि सरकार का फैसला केवल कागज पर न रहे, बल्कि जमीन पर उतरे. अरहर और मूंग की फसल पर भी सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाया है. अब ज़रूरत इस बात की है कि मंडी में किसान को उनकी फसल की ये कीमतें मिलें.
मील का पत्थर साबित होगा सरकार का फैसला- सांसद दर्शन सिंह
नर्मदापुरम से बीजेपी सांसद दर्शन सिंह महाकौशल क्षेत्र में धान-दलहन का उत्पादन करते हैं. उनका कहना है कि मोदी सरकार ने किसान की आय को दोगुना करने का लक्ष्य दिया है. उस दिशा में एमएसपी बढ़ाने का फैसला मील का पत्थर साबित होगा. किसान समाज में खुशी की लहर है. महाकौशल के धान और दलहन उत्पादक किसान इस फैसले का स्वागत करते हैं.
एमएसपी बढ़ाने की बात सिर्फ झुनझुना है- शर्मा
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा “कक्काजी ” का कहना है कि भारत में दो फसलें प्रमुख रूप से पैदा होती हैं, गेहूं और धान. गेहूं पर सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया है. विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी सरकार ने कहा था कि धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर लेंगे. धान पर अब 117 रुपये बढ़ाने से कोई मतलब नहीं है. सरकार ने उन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है, जिनकी पैदावार कम होती है. इससे किसान को कोई फायदा नहीं होगा. बीजेपी की सरकार में समर्थन मूल्य बहुत कम बढ़े हैं. सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. जबकि आज की महंगाई में किसान की आय आधी से कम हो गई है. एमएसपी बढ़ाने की ये बात सिर्फ एक झुनझुना है.
Tags: Bhopal news, Mp news
FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 15:23 IST