केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी. केंद्र सरकार के बजट को लेकर सिल्क नगर के बुनकरों में उम्मीद की लहर है. उन्हें उम्मीद है कि इस बार के बजट में केंद्र सरकार सिल्क और तसर के बुनकरों के लिए कोई विशेष योजना लाएगी. सिल्क नगर के बुनकरों ने सरकार से कई उम्मीदें जताई हैं. उनका कहना है कि उनकी हस्त शिल्प से तैयार कपड़ों की कीमतों को बढ़ावा मिले और उनकी साड़ियों और कपड़ों की सही कीमतों पर बिक्री हो.
सिल्क नगर के बुनकर रोशन कुमार बताते हैं कि दर्जनों बुनकरों की मेहनत से एक दिन में एक साड़ी तैयार होती है, लेकिन उन्हें मात्र 200 से 300 रुपए की ही कमाई होती है. इन साड़ियों की कीमत देश के बड़े महानगरों में 7 से 8 हजार रुपए तक होती है, लेकिन बुनकरों को इनकी सही कीमत नहीं मिलती. अगर सरकार क्रय विक्रय केंद्र खोल दे तो बुनकरों की स्थिति में काफी सुधार होगा और उन्हें भगलपुर और नाथनगर नहीं जाना पड़ेगा.
सरकार कम ब्याज दर पर दें लोन
सिल्क की साड़ियों में हस्त कला से पेंटिंग करने वाली सावित्री कुमारी ने बताया कि दिन भर मेहनत करने के बाद भी उनकी कमाई 200 से 300 रुपए तक ही होती है. अगर सरकार कम ब्याज दर पर लोन दे तो वे मशीन खरीदकर अपने काम को बढ़ा सकती हैं और अपने रोजगार को विकसित कर सकती हैं.
बुनकरों की स्थिति और समाधान
बुनकर रणजीत कुमार राम और दिवाकर राम ने बताया कि भगय्या सिल्क नगर पीढ़ी दर पीढ़ी से तसर का कपड़ा बनाते आ रहे हैं, लेकिन क्रय विक्रय केंद्र ना होने की वजह से उन्हें कम कीमत में कपड़े बेचना पड़ता है. इससे परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है और लोग रोजगार के लिए दूसरे शहर पलायन कर रहे हैं. अगर सरकार भगय्या में कम कीमत में कोकून की व्यवस्था कर दे तो यह उनके लिए सोने पर सुहागा होगा.
FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 16:10 IST