वाराणसी: यूपी के वाराणसी में मुस्लिम बाहुल्य इलाके में ताला बंद मंदिर मिलने का मुद्दा गर्म है. इस घटना को छह दिन बीतने के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ता रविवार को मंदिर में ताला तोड़कर जलाभिषेक करने निकल पड़े. तीन नदियों का जल लेकर बड़ी संख्या में VHP कार्यकर्ताओं ने इंग्लिशिया लाइन इलाके से मंदिर का रुख किया, लेकिन कुछ दूर पर ही पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देकर उन्हें रोक दिया.
इस दौरान पुलिस और VHP कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस और नोकझोंक भी हुई. हालांकि इस नोकझोंक के बाद पुलिस के आला अफसरों ने ताला बंद मंदिर को जांच के बाद खोलने का आश्वासन दिया है. मंदिर मिलने के बाद जिला प्रशासन की ओर से मौके पर पीएसी की तैनाती कर दी गई है.
सनातन रक्षक दल का अल्टीमेटम
उधर, सनातन रक्षक दल ने भी प्रशासन को इस मुद्दे को लेकर सोमवार तक का अल्टीमेटम दिया है. सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि सिद्धेश्वर मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है जिस पर हिंदुओं का हक है. इससे जुड़े सभी दस्तावेज प्रशासन को मुहैया करा दिए गए हैं.
1932 में ताज मोहम्मद को बेचा था मकान
जानकारी के अनुसार, मदनपुरा के जिस मकान के आगे सिद्धेश्वर महादेव का यह मंदिर है, वह मकान राजा महेंद्र रंजन राय के नाम पर था. इस मकान को 1932 में ताज मोहम्मद नाम के व्यक्ति को बेच दिया गया. हालांकि उसकी रजिस्ट्री में कहीं पर भी मंदिर का कोई जिक्र नहीं है. सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, ऐसी सूरत में इस मंदिर पर हिंदुओं का मालिकाना हक है.
दर्जनों मंदिर में है ताला बंद
सनातन रक्षक दल का कहना है कि मदनपुरा, रेवड़ी तालाब और उससे सटे इलाकों में दर्जनों देव स्थान है, जहां फिलहाल ताला बंद है. क्योंकि यह इलाके पूरी तरह से अब मुस्लिम बाहुल्य इलाके बन गए हैं. संगठन का कहना है कि सिद्धेश्वर मंदिर में पूजा के बाद अब बाकी ताला बंद मंदिरों को खुलवाकर वहां भी पूजा पाठ शुरू कराया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 22:05 IST