रांची. नॉन वेजिटेरियन वालों को अगर मछली दे दी जाए, तो वह बड़े चाव से खाते हैं. मछली ऐसा चीज है जिसकी अनेक वैरायटी बनाकर लोग खाते हैं. चाहे ड्राई मछली हो या फिर ग्रेवी वाली, लेकिन बरसात के मौसम में चार महीने डॉक्टर मछली खाने के लिए पूरी तरह मना कर देते हैं. कहा जाता है कि इस समय भूलकर भी मछली नहीं खानी चाहिए वरना आईसीयू के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.
झारखंड की राजधानी रांची के आयुर्वेदिक डॉक्टर वी के पांडे( विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से बीएएमएस व झारखंड सरकार में मेडिकल ऑफिसर) ने लोकल 18 को बताया कि बरसात के समय भूल कर भी लोगों को मछली का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस समय मछलियों के प्रजनन का समय होता है. इस समय उन्हें खाना उचित नहीं होता.
इंफेक्शन का होता है खतरा
डॉ. वीके पांडे बताते हैं कि इस समय अगर आप मछली खाते हैं तो इस समय ब्रीडिंग का जब टाइम होता है तो उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. कई तरह के हानिकारक केमिकल्स जैसे डीडीई टोक्सिन होते हैं, जो आपके लिए बिल्कुल भी सही नहीं होते. ऐसे में जब आप मछली का सेवन करते हैं तो आपको फूड प्वाइजनिंग होने की पूरे चांस रहते हैं.
साथ ही, कई बार तो लोगों को फूड प्वाइजनिंग इतना सीरियस होता है कि उन्हें आईसीयू तक एडमिट होने की नौबत आई है. वहीं, कोशिश करें सिर्फ मछली ही नहीं, बल्कि, बरसात के सीजन में किसी भी तरह के मीट का सेवन न करें, क्योंकि इस समय इन्फेक्शन का खतरा काफी अधिक रहता है. कई सारे हार्मफुल बैक्टीरिया होते हैं, जो जलने के बाद भी नहीं मरते हैं.
(नोट- यह खबर आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा बातचीत कर लिखी गई है. लोकल 18 इसकी पुष्टि नहीं करता.)
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FIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 09:11 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.