फरीदाबाद. बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में इस समय किसानों के बीच डीएपी खाद को लेकर हताशा का माहौल है. किसानों का कहना है कि यदि समय पर डीएपी खाद नहीं मिलेगी तो गेहूं की बुवाई प्रभावित होगी, जिससे उनकी फसल पर गहरा असर पड़ेगा. किसानों ने शिकायत की है कि अगर डीएपी उपलब्ध भी होती है तो उसे ब्लैक में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है, जो कि उनके लिए बड़ा आर्थिक बोझ है.
खाद की किल्लत महीनों से नहीं मिली डीएपी
किसान अशोक कुमार ने Local18 को बताया कि डीएपी खाद एक महीने से नहीं मिल रही है. हर बार खाद लेने जाते हैं तो बताया जाता है कि तीन-चार दिन में आएगी, लेकिन कई दिनों तक इंतजार करने के बाद भी कुछ नहीं मिलता. अशोक ने कहा कि इस देरी के कारण उन्हें गेहूं की बुवाई को लेकर चिंता है क्योंकि समय पर खाद न मिलने से फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
सरकारी दर और ब्लैक मार्केट में मूल्य अंतर
गांव शेखपुर के किसान फूल सिंह ने बताया कि सरकारी दर पर डीएपी 1350 रुपये में मिलनी चाहिए, लेकिन ब्लैक मार्केट में इसे 1550 से 1600 रुपये में बेचा जा रहा है. सरकारी गोदामों में भी खाद उपलब्ध नहीं है और ब्लैक में खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. फूल सिंह ने आगे कहा कि सरकार किसानों की भलाई की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
मजबूरी में महंगे दाम पर खरीदारी
मंझावली गांव के किसान सुमित ने Local18 को बताया कि हमें ब्लैक में डीएपी खरीदनी पड़ रही है क्योंकि बुवाई करनी है. इस साल भी 1600 रुपये की डीएपी खरीदी है और इसके साथ नैनो और यूरिया भी मजबूरन खरीदना पड़ा. हर साल यही समस्या होती है, गेहूं की बुवाई के बाद यूरिया की कमी होती है. सुमित ने आगे कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों से यह समस्या लगातार बढ़ रही है और किसानों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुकी है.
किसानों की मांग खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें
किसानों ने मांग की है कि सरकार खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करें और ब्लैक मार्केटिंग पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि उन्हें अपनी फसल के लिए जरूरी डीएपी खाद समय पर और उचित मूल्य पर मिल सके.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 13:52 IST