कभी-कभी जब हम किसी चीज के बारे में सुनते हैं, तो वे बातें इतना घर कर जाती है कि हम उसे अपने जीवन में अमल करने लगते हैं. ऐसे ही कहानी एक लड़की ज्योति राव की है, जो स्कूल के दिनों में अपनी बहन से इंजीनियरिंग के लिए देशभर में आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के बारे में सुनती थी. उनकी बहन NEET UG की कोचिंग के लिए राजस्थान के घरदाना खुर्द से सीकर गई थी. वह बताती थी कि उसके शिक्षक अक्सर कहते थे कि JEE भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है.
ज्योति राव (Jyoti Rao) अपनी बहन के वर्णन से प्रभावित होकर खुद ही इस चुनौती को स्वीकार करने का निर्णय लिया. उन्हें JEE से जुड़ी प्रतिष्ठा और देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक के रूप में इसकी प्रतिष्ठा ने मुझे इसे आजमाने के लिए प्रेरित किया. इसलिए उन्होंने अपना 100 प्रतिशत दिया और वर्ष 2022 में IIT JEE एडवांस की परीक्षा को पास करने में सफल रहीं. इसके बाद ज्योति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) में इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री प्रोग्राम में फिजिक्स ब्रांच में एडमिशन लिया. फिर IIT मद्रास को छोड़कर NDA की तैयारी शुरू की और इसे पास करके SSB राउंड तक पहुंची. लेकिन मेडिकल में फेल हो गईं और वापस IIT मद्रास के फर्स्ट ईयर में दाखिला लिया.
IIT मद्रास में NDA के प्रति हुआ झुकाव
ज्योति (Jyoti Rao) कई अन्य छात्रों की तरह फिजिक्स में अपना करियर बनाने के लिए उत्सुक होकर IIT मद्रास पहुंच गई. हालांकि किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने एक कैडेट के रूप में NCC में दाखिला लिया और खुद को एक IITian और एक कैडेट के रूप में जीवन को संतुलित करते हुए पाया. जैसे-जैसे वह खुद को इस डुअल रोल में ढाला, उन्हें रक्षा क्षेत्र में करियर बनाने की ओर एक मजबूत झुकाव महसूस हुआ.
IIT मद्रास छोड़ शुरू की NDA तैयारी
इसके बाद ज्योति ने अपने माता-पिता और आईआईटी मद्रास के अटूट समर्थन के साथ उन्होंने वर्ष 2022 में दोनों सेमेस्टर छोड़ने और नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया. यह सफर उनके लिए आसान नहीं था. जब उनके दोस्त कक्षाओं में जाते थे, तो वह अपने कमरे या पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में अनगिनत घंटे बिताती थी.
NDA SSB फेल, फिर दोबारा IIT में हुईं शामिल
उन्होंने एनडीए प्रवेश परीक्षा और कठिन पाँच-दिवसीय एसएसबी साक्षात्कार को पास कर लिया, लेकिन उन्हें मेडिकल राउंड में अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उन्हें दृष्टि संबंधी समस्याएं थी. इस चुनौती के बावजूद उनके माता-पिता और संस्थान ने एक बार फिर उनका साथ दिया. उनके प्रोत्साहन से उन्होंने उसी विभाग में वर्ष 2023 बैच में एडमिशन लिया. उन्होंने वर्ष 2023 बैच के साथ पहले वर्ष में दाखिला लेकर आईआईटी मद्रास में अपना सफर शुरू किया.
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FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 18:34 IST