बेगूरराय में चार लोगों की हत्या मामले में बड़ा खुलासा. सीरियल देखकर किशोरने सीखा था मर्डर का तरीका. पिता और माता के व्यवहार से उपेक्षित महसूस करता था.
बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय के बछवाड़ा थाना के रसीदपुर में एक ही परिवार के चार लोगों की गला रेत कर हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. इस मामले मे हत्यारा कोई और नहीं बल्कि सौतेला नाबालिग बेटा है. नाबालिग दसवीं में पढ़ता है, लेकिन सातवीं क्लास से ही पिता और सौतेली मां से प्रताड़ित होने की बात कह रहा है. बता दें कि पिता, सौतेली मां सहित भाई बहनों की हत्या चाकू और बांस के बल्ले से की गई है. युवक की उम्र 16 से 17 के बीच है. बता दें कि इस घटना एक बच्चा भी गंभीर गंभीर रूप से जख्मी था जिसकी पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई है.
इस संबंध में बेगूसराय के एसपी मनीष कुमार ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि मृतक का सगा बेटा था. पिता की दो शादी थी जिसके बाद से बेटा अपनी दादी और चाची के साथ अलग सोता था. इसी बीच इस घटना को सोए हुए अवस्था में आरोपी ने अंजाम दिया. इसके बाद उसने चाकू और हत्या मे प्रयुक्त चाकू को बलान नदी में फेंक कर रात में ही स्नान कर घर पहुंच गया और अपनी दादी के साथ सो गया.
बेगूसराय एसपी ने बताई पूरी कहानी
एसपी मनीष ने बताया कि हत्या के दिन से ही पुलिस को इस बच्चे पर शक था. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर लिया है. जानकारी के अनुसार नाबालिग ने पुलिस को बताया है कि पापा उसकी बात नहीं सुनते थे और सौतेली मां उसे मारती पीटती थी. घर में कोई उसे प्यार नहीं करता था, इसलिए मैंने सबकी हत्या कर दी.17 साल की उम्र में हत्या की वारदात करने वाला इस नाबालिग के बारे में गांव वालों ने कहा कि आरोपी को दुष्प्रेरित करने में उसकी चाची का हाथ है.
गांव वालों को सब पता था पर चुप रहे
गांव वालों बताया कि नाबालिग चाची के मोबाइल फोन पर क्राइम सीरियल देखा करता था. उसका पसंदीदा प्रोग्राम क्राइम पेट्रोल और CID सीरियल था. पांच-छह घंटों तक सीरियल देखने की लत थी. सौतेला होने के कारण वह अपने आपको परिवार में तिरस्कृत महसूस करता था. इसी नफरत की आग में 10 अगस्त की रात सिर्फ 2 मिनट में मवेशी बांधने वाले खूंटे और चाकू से इसने चार लोगों की जान ले ली. किसी को शक ना हो, इसलिए उसने ही चारों को मुखाग्नि भी दी.
गांव वालों के तानों से आहत होता था किशोर
गांववालों के अनुसार, नाबालिग गांव में निकलता था तो लोग ताना मारते थे. कहते थे- तुम्हारे पिता ने दूसरी शादी कर ली और सौतेली मां तुमको पिटवाती है. खाना पीना भी नहीं देती है. अपने दोनों बेटे-बेटी को अच्छे तरीके से रखती है और तुम्हारे साथ दुर्व्यवहार करती है. बता दें कि पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 15 साल पहले उसकी मां मुझे छोड़ कर कहीं भाग गई थी. उस समय से दादा-दादी उसका पालन पोषण करने लगे.
पिता और परिवार ने नहीं रखा ध्यान तो हो गया कांड
नाबालिग ने यह भी बताया कि मां के जाने के 2 साल बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली. सौतेली मां के आते ही पिता का व्यवहार बदल गया था. चाचा की शादी के बाद चाची आई तो उसकी देखरेख करने वालों में वो शामिल हो गए. 3 साल से पिता ने खर्च देना बंद कर दिया. वह कुछ मांगता तो सौतेली मां पिटाई करवा देती थी. 3 महीने पहले पिता ने उसकी जमकर पिटाई की थी. इसके बाद से वह डिप्रेशन में था इसके बाद हत्या की योजना बनाने लगा.
क्या कहते हैं मनोविज्ञानी
मनोचिकित्सक कहते हैं कि परिवार के लोग ध्यान नहीं देते हैं तो बच्चे बिगड़ जाते हैं. आरोपी नाबालिग के साथ धोखा हुआ होगा. हक मारा गया होगा और बच्चा अपने आप को अकेला महसूस करता होगा. वह परिवार में ही उपेक्षित अनुभव करता होगा. इस मामले में सौतेली मां का दुर्व्यवहार हो सकता है. इन सब के कारण बच्चों में पिता और सौतेली मां के प्रति घृणा उत्पन्न हुई होगी. इस नफरत के कारण ही उसने हत्या जैसा जघन्य अपराध अपने किशोरावस्था में ही कर दिया.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 11:14 IST