इंदौर. मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने एक बार फिर जनसेवा की मिसाल पेश की है. जिस रोड पर पुलिस ने ही ई-रिक्शा के चलने पर बैन लगाया था, उसी में ई-रिक्शा को एंट्री देकर एक व्यक्ति की जान बचाने का प्रयास किया. दरअसल, राजवाड़ा पर सोमवार से सात दिन के लिए ऑटो और ई-रिक्शा के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. यह अभी ट्रायल है. सुधार दिखा तो व्यवस्था स्थायी रूप से लागू कर दी जाएगी. इस निर्णय के पहले ही दिन बीते सोमवार की दोपहर आड़ा बाजार में एक बुजुर्ग को बीच बाजार हार्ट अटैक आ गया. उसकी जान बचाने के लिए ई-रिक्शा से राजबाड़ा तरफ ही एक निजी अस्पताल ले जाया जाने लगा.
घटना को लेकर जब वहां ड्यूटी कर रहे कांस्टेबल महेंद्र मिश्रा को जानकारी दी गई, तो उन्होंने तुरंत ई-रिक्शा के लिए रास्ता खुलवाया. इसके लिए बाकायदा पुलिस वायरलैस पर मैसेज किया कि इस ई-रिक्शा को तत्काल अस्पताल पहुंचाने में मदद करिए. इसके बाद एएसआई रविन्द्र सिंह भी आ गए और मरीज को लेकर अर्पण हॉस्पिटल गए. हालांकि अस्पताल में जांच के बाद उक्त व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अर्पण हॉस्पिटल डायरेक्टर डॉ. अशोक जैन ने बताया कि 75 वर्षीय मरीज को कार्डियेक अरेस्ट आया होगा. पुलिस ने मामले में जांच के बाद बताया कि मृतक पुणे के रहने वाले थे. वे यहां एक होटल में 20 से अधिक लोगों के साथ रुके थे.
8 प्रमुख रूटों पर बैरिकेडिंग
आपको बता दें कि ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन को लेकर पुलिस ने कुछ रूटों पर प्रतिबंध लगाया है. इसके तहत ही पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन कर राजबाड़ा तरफ आने वाले 8 प्रमुख रूटों पर बैरिकेडिंग कर रखी थी. यानी एमजी रोड से राजवाड़ा आने वाले ई-रिक्शा और ऑटो कृष्णपुरा ब्रिज तक ही आ सकते हैं. लेकिन ट्रैफिक नियम लागू होने के पहले दिन ही बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया और पुलिस ने अपना बनाया नियम तोड़कर मरीज को अस्पताल पहुंचाकर मिसाल पेश की.
FIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 16:53 IST