मंडी. मंडी नगर निगम को बने करीब 4 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन शहर में कोई खास फायदा इससे देखने को नहीं मिल पाया है. हालात कुछ इस तरह के हैं कि मंडी शहर के ज्यादा तर फुटपाथ टूट चुके हैं, जिससे पैदल चलने वाले राहगीरों को समस्या पेश आ रही है.
पूर्व में नगर परिषद के वार्ड मेंबर रहे आकाश शर्मा के मुताबिक शहर में चार सालों से कोई ठोस विकास कार्य नहीं हो पाया है और निगम अपनी सेवाएं देने में कही न कही जीरो अंक पर खड़ा है. आकाश शर्मा के मुताबिक, शहर में इन चार सालों में एक भी नया फुटपाथ तो छोड़ दीजिए लेकिन जो पुराने समय में बने फुटपाथ थे. वह भी समय की मार से टूटने लगे हैं, जिसपर निगम का कोई ध्यान ही नहीं है और मात्र हाउस टैक्स में वृद्धि ही केवल मात्र निगम का कार्य बना हुआ है.
लोकल 18 की टीम से बातचीत करते हुए आकाश शर्मा ने बताया कि पैदल चल रहे यात्रियों को इन फुटपाथ से बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि कई बार लोगों का पैर टूटे हुए फुटपाथ के बीच फसने से उन्हें चोट लग जाती है और खास कर बुजुर्ग तबका इन टूटे हुए फुटपाथ से कई बार चोटिल हुआ है. आकाश शर्मा के अनुसार, किसी भी निगम का पहला कार्य जनता को मूलभूत सुविधाओं को प्रदान करने का होता है, जिसमें नगर निगम मंडी फेल हो चुका है, जिसके लिए नगर निगम बनाने वाली पूर्व जयराम सरकार दोषी है. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा इसे मंडी में नोटिफाई कर सफेद हाथी की तरह खड़ा कर दिया है और नियम के मुताबिक नगर निगम अपनी सेवाएं प्राप्त मात्रा पर दें रहा है.
मर्ज किए गए एरिया में तो फुटपाथ ही नहीं
वहीं वार्ड दोहंदी के स्थानीय निवासी बी आर कौंडल ने बताया है कि शहर में तो फुटपाथ है भी लेकिन जो एरिया नगर निगम मंडी में ग्रामीण परिवेश का जोड़ा गया है, उसमें तो ढंग की सड़कें ही नहीं हैं और फुटपाथ तो बहुत दूर की बात है. उनके अनुसार भी लोगों से सिर्फ टैक्स वसूलने के लिए ही निगम बनाया गया है, न कि जनता को सुविधा देने के लिए.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 15:05 IST