शशिकांत कुमार ओझा/पलामू: बरसात के बाद प्रकृति जैसे नए रूप में खिल उठती है, जिससे कोई भी मोहित हो जाए. नदी, झील, झरने इतने ताजगी भरे लगते हैं कि मानों अभी-अभी उनका जन्म हुआ हो. अगर आप भी इस खूबसूरत मौसम में घूमने की सोच रहे हैं, तो पलामू टाइगर रिजर्व के मिरचैया जलप्रपात जरूर जाएं. ये जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए मशहूर है.
मिरचैया वाटरफॉल, पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से लगभग 60 किमी दूर स्थित है. करीब 100 फीट की ऊंचाई से गिरता झरना अपनी ठंडी फुहारों और दिलकश दृश्य से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है. मॉनसून के दौरान इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है, हालांकि अक्टूबर से मार्च के बीच यहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं लेकिन बरसात में भी इसकी प्राकृतिक भव्यता देखने लायक होती है.
पर्यटकों की सुविधा के लिए मिरचैया फॉल को अच्छी तरह से विकसित किया गया है. यहां बैठने के लिए गज़ीबो और चेयर के साथ-साथ लकड़ी के पुल पर सेल्फी लेने का मजा भी लिया जा सकता है. वाटरफॉल के नीचे नहाने का आनंद भी पर्यटक खूब उठाते हैं और सुरक्षा के लिए वहां गार्ड भी तैनात होते हैं. चारों तरफ हरियाली से घिरा मिरचैया फॉल अपनी शांति और सुंदरता से सभी का दिल जीत लेता है.
मिरचैया नाम का इतिहास
जलप्रपात पर मौजूद गार्ड हरिनंद उरांव ने लोकल18 को बताया की यहां दिल्ली, कोलकाता और बहुत दूर दूर से पर्यटक घूमने आते है. इस वाटरफॉल का नाम मिरचैया वाटरफॉल इसीलिए रखा गया क्योंकि यहां के गांव का नाम भी मिरचैया है. ये गांव काफी फेमस गांव है पहले के जमाने में यहां बड़े पैमाने पर पहाड़ों पर मिर्च की खेती होती थी जो की छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश तक फेमस था. जैया मिर्च के उत्पादन के कारण इस गांव का नाम मिरचैया पड़ा.
मिरचैया फॉल कैसे पहुंचे
यहां आने के लिए आप बस, ट्रेन या निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं. मेदिनीनगर शहर से 58.8 किमी की दूरी पर स्थित ये फॉल सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां जाने के लिए आपको खाने पीने का सामान खुद लेकर जाना होगा. वहीं खाने पीने के साथ जरूरत के समान भी लेकर स्वयं जाना होगा. हालांकि सड़क किनारे छोटी दुकानें है जहां कुछ खाने पीने की चीजें मिल जाती है.
Tags: Jharkhand news, Latest hindi news, Local18, Palamu news
FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 17:09 IST