नर्मदापुरम. ‘अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनू सठ कन्या सम ए चारी, इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधें कछु पाप न होई.’ ये चौपाई श्रीरामचरितमानस की है. इसका अर्थ है- ‘छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की स्त्री और कन्या, ये सभी समान होते हैं. इनकी तरफ कोई बुरी नजर से देखता है तो उसे मारने से पाप नहीं लगता.’ इसी चौपाई से एक 5 साल की मृत मासूम और उसके परिवार को न्याय मिला. इसी चौपाई को सुनाकर जज ने मामूम के बलात्कारी को फांसी की सजा दी. मामला नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर का है. यहां कोर्ट ने करीब तीन साल पुराने रेप के मामले में आरोपी को मृत्युदंड दिया. इस आरोपी ने ममेरा भाई होने के बावजूद अपनी बहन के साथ हैवानियत की थी. कोर्ट के सजा सुनाते ही पुलिस ने आरोपी को अपनी हिरासत में ले लिया.
सोहागपुर में दिसंबर 2021 में एक 5 साल की बच्ची का रेप हुआ था. इस रेप के आरोपी को कोर्ट ने दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई. सोहागपुर के इस केस में 4 सितंबर को ये फैसला आया. इसमें न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने हत्यारे ममेरे भाई किशन को पॉक्सो एक्ट और हत्या की धारा में फांसी (मृत्युदंड) की सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले से मृत मासूस और उसके परिवार को न्याय मिला. पुलिस ने कोर्ट के सजा सुनाते ही आरोपी को हिरासत में ले लिया.
इस दिन इस तरह हुई थी घटना
न्यायालय में प्रकरण की पैरवी कर रहे एडीपीओ बीएल काकोड़िया ने बताया कि 25 दिसंबर 2021 को सुबह करीब 8 बजे नाबालिग बच्ची के पिता काम करने चले गये थे. शाम को आए तो बच्ची घर में नहीं मिली. खोजबीन के बाद भी जब कुछ पता नहीं चला तो पिता ने पुलिस चौकी शोभापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जांच शुरू की तो बच्ची छत पर पुराने कपड़ों के नीचे ढंकी हुई मिली. पुलिस को पता चला कि घटना स्थल पर किसी अज्ञात आरोपी ने नाबालिग बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया. उसके बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद पुलिस ने मामले में पॉक्सो सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया.
इस तरह हुआ खुलासा
जांच के दौरान मृतिका के बड़े भाई ने बताया कि किशन उर्फ चीन्नु माछिया छत पर आया था. वह और उसकी बहन खेल रहे थे. उसे किशन ने डरा कर नीचे भेज दिया था. ये सुनने के बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर किशन उर्फ चिन्नू माछिया को हिरासत में लिया. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने सारा राज उगल दिया. पुलिस ने उसके कपड़े का डीएनए टेस्ट कराया. ये केस तीन साल चला. फैसले से पहले कोर्ट ने कहा कि हर एक निश्चिल, निर्दोष मासूम, अबोध बालिका का बलात्कार स्वयं ही विरलतम से विरलतम घटना है. बलात्कार सहित हत्या का मामला जो किसी भी दृष्टि से सामान्य नहीं माना जा सकता.
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FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 09:41 IST