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मरा, पोस्‍टमॉर्टम हुआ, जिंदा हुआ फिर मर गया.. राजस्‍थान का ये अनोखा केस है क्‍या, इसे शुरू से आखिर तक समझें…

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जयपुर : आप किसी के अंतिम संस्कार में जाते हैं और चार कंधों पर चलकर आने वाला शव जमीन पे रखते ही हरकत करने लगे तो जाहिर सी बात है आप यकीन नहीं करेंगे. हालांकि ऐसा हुआ है. वो भी राजस्थान के झुंझुनू में. मामला बगड़ थाना इलाके का है, जहां मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम भी हुआ और दो घंटे उसे मुर्दाघर के डीप फ्रीज़र में भी रखा गया. शव जब श्मशान पहुंचा तो उसमें हरकत हुई और लोग डर गए. उसके बाद शव वापस अस्पताल पहुंचा. करीब 12 घंटे बाद उसकी फिर से मौत हो गई. इसे चमत्कार कहें या लापरवाही.. जो भी है, लेकिन चौंकाने वाला है.

दरअसल, करीब 47 साल का मूकबधिर रोहिताश शमशान में अर्थी पर लेटा था. मां सेवा संस्थान के लोग चिता तैयार कर चुके थे. दाह संस्कार की तैयारियां चल रही थी. तभी मुर्दे में हरकत हुई. हरकत बार बार हुई. लोग पहले तो डर गए, लेकिन जब हरकत लगातार होती रही तो लोग समझ चुके थे कि रोहिताश जिंदा है.

आनन फानन में उसे फिर से बीडीके अस्पताल झुंझुनू ले जाया गया. वहां मौजूद डॉक्टर भी अचंभित थे, क्योंकि गुरुवार दोपहर रोहिताश की तबीयत खराब हुई तो उसे झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान दोपहर 1 बजे के करीब डॉक्टरों ने रोहिताश को मरा हुआ घोषित कर दिया.

बाकायदा उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बन गई. कागजी तौर पर उसका पोस्टमार्टम हुआ. इसके बाद उसके शव को दो घंटे मुर्दाघर के डीप फ्रीजर में भी रखा गया. लेकिन वह फिर से उनके सामने जिंदा था. उसकी पल्स काम कर रही थी. आखिर यह सब कैसे हुआ इसका कोई जवाव डॉक्टर्स के पास नहीं है. मामले पर खुद कलेक्टर को सामने आकर मोर्चा संभालना पड़ा.

घटना को चमत्कार माने या लापरवाही. यह तय होता, उससे पहले ही रोहिताश को जयपुर के SMS अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन यहां फिर से डॉक्टरों के चौंकने की बारी थी, क्योंकि जिसे श्‍मशान से बीडीके अस्पताल जिंदा लाया गया था, वह SMS पहुंचते पहुंचते फिर से मर गया.

डॉक्टर हैरान थे और प्रशासन परेशान… कि आखिर यह कुदरत का अचंभा था या पोस्टमार्टम रिपोर्ट शक के दायरे में थी. खैर जो भी हो SMS चिकित्सा अधिकारी सुनील भाटी की मानें तो कुछ ख़ास तरह के मामलों में कई बार हार्ट, लीवर और पल्स डेड हो जाती हैं, लेकिन ब्रेन काम करता रहता है. इसके साथ भी संभवत: ऐसा ही हुआ होगा.

मामले पर अभी जांच जारी है. तीन डॉक्टरों को लापरवाही का दोषी मानते हुए सस्पेंड भी कर दिया गया है. सवाल आर.आर होम्स पर भी है कि आखिर रोहिताश को हुआ क्या था? जयपुर रैफर किया तो सिर्फ गार्ड को साथ कैसे भेजा?

सच्चाई सामने लाने के लिए अब रोहिताश के शव का स्पेशल मेडिकल बोर्ड से दोबारा पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर दो घंटे तक डीप फ्रिज में रखे शरीर को सांस कैसे मिली होगी? क्या रोहिताश सच में मर चुका था और उसकी सांसें फिर से लौट आईं? शायद जांच के बाद इन सवालों के जवाब मिल सके कि क्या सच में कोई चमत्कार हुआ था.

Tags: Jaipur news, Jhunjhunu news



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