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महाकुंभ 2025: महज 22 मिनट में बुझा ली आग, कुछ ही सेकेंड में मिल गया था अलर्ट

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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में सुरक्षा के व्‍यापक इंतजाम किए गए हैं. कुंभ क्षेत्र का चप्‍पा-चप्‍पा कैमरे की निगरानी में है. इसके अलावा 60 हजार पुलिसवाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सेवा में चौबीसों घंटे ड्यूटी दे रहे हैं.

महाकुंभ क्षेत्र में लगी आग को महज 22 मिनट में बुझा लिया गया.

महाकुंभ नगर (प्रयागराज). 10,000 एकड़ में फैला एक विशाल अस्थायी शहर, एक समय में एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्री और साधु, और प्रतिदिन लगभग 20 लाख आगंतुक – यहां का इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर भीड़ प्रबंधन को सुचारू रूप से चलाने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है. चार इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर्स (आईसीसीसी) में से प्रत्येक में 400 से अधिक लोग बड़ी स्क्रीन पर लाइव फुटेज और हॉटस्पॉट से डेटा को लगातार देखते हैं और भीड़ और तीर्थयात्रियों के फ्लो पर नजर रखते हैं. इसके लिए 3,000 से अधिक कैमरे, पानी के नीचे ड्रोन और जमीन पर 60,000 से अधिक कर्मियों की टीम तैनात की गई है.

महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ है और 45 दिनों तक चलेगा. अब तक सात करोड़ से अधिक तीर्थयात्री संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं. यहां गंगा, यमुना और सरस्वती (अदृश्‍य) नदियों का संगम है. ICCC में सुरक्षा, क्राउड मैनेजमेंट और अपराध रोकथाम के लिए निगरानी शामिल है. उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी और ICCC प्रभारी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के अनुसार, डेटा को सटीक रूप से कैप्चर किया जा रहा है, ताकि कोई भी अनुमान न हो. उन्‍होंने कहा, ‘यह पहली बार है कि दुनिया में इस पैमाने पर भीड़ प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग किया जा रहा है. हमने मेला क्षेत्र और शहर में 3,000 से अधिक कैमरे लगाए हैं, जिनमें से 1,800 एआई-सक्षम हैं. यहां कोई अनुमान नहीं है, सब कुछ वास्तविक समय के डेटा पर आधारित है.’

22 मिनट में आग पर काबू
अमित कुमार ने कार्यप्रणाली के बारे में समझाते हए कहा कि जब भी किसी विशेष स्थान पर भीड़ निर्धारित सीमा से ज्‍यायादा होती है, तो स्क्रीन पर एक अलर्ट पॉप अप होता है और जानकारी वायरलेस ग्रिड को दी जाती है. इस प्‍वाइंट पर जमीन पर टीमें कार्रवाई में जुट जाती हैं और जरूरत के मुताबिक डायवर्जन किए जाते हैं. एसओपी में परिभाषित 13 आकस्मिक योजनाएं हैं, जिनमें प्रत्येक योजना के लिए एक अलग कार्यप्रणाली है. उन्‍होंने आगे बताया कि हर बार जब कोई बैरिकेड टूटता है या सभी दिशाओं से ट्रैफिक के मिलन से जाम होता है या यहां तक कि आग लगती है, तो एक अलर्ट पॉप अप होता है. रविवार को एक सिलेंडर विस्फोट से लगी आग को भी ICCC में सेकंडों में अलर्ट किया गया और पानी के टेंडर 7 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए. आग 22 मिनट में बुझा दी गई और कोई हताहत नहीं हुआ.

4 ICCC, चौबीसों घंटे निगरानी
कमांड सेंटर में बतौर पर्यवेक्षक तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि वे लाइव फीड की लगातार निगरानी करने के लिए प्रत्येक 10 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं, जबकि एक समर्पित कॉल सेंटर तीर्थयात्रियों से शिकायतें और सूचनाएं प्राप्त करता है. उन्‍होंने बताया कि कॉल सेंटर को पुलिस हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन, अग्निशमन और एम्बुलेंस सेवाओं के साथ इंटीग्रेट किया गया है. महाकुंभ में चार आईसीसीसी संचालित हैं (मुख्य कार्यालय और शहरके साथ दो झूंसी और अरैल क्षेत्रों में). सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 60,000 से अधिक पुलिस कर्मी और 56 पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं. इसके अलावा 30 पोंटून पुल और भव्य प्रवेश और निकास द्वार भी कैमरों की निगरानी में हैं. घाट और मेला मैदान के अन्य क्षेत्र पर भी नजर रखी जा रही है.

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