दिलखुश कुमार झा/ अररिया: जिले में महिला किसान ऑर्गेनिक खेती के जरिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं. रामपुर गांव की बीबी खातून बंद गोभी की खेती करके न सिर्फ अच्छी कमाई कर रही हैं बल्कि लोगों को स्वस्थ और प्राकृतिक उत्पाद भी उपलब्ध करवा रही हैं.
ऑर्गेनिक खेती से दोगुना लाभ
बीबी खातून ने पिछले 4-5 वर्षों से बंद गोभी की ऑर्गेनिक खेती शुरू की है. वह गोबर खाद और गाय के गोमूत्र से तैयार “जीव अमृत” का उपयोग करती हैं. इससे फसल पर किसी प्रकार के कीटनाशक का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता और सब्जियां पूरी तरह ऑर्गेनिक रहती हैं. उनके अनुसार, ऑर्गेनिक सब्जियों की इतनी अधिक मांग है कि मंडी ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती. खरीदार खेत पर ही फसल खरीद लेते हैं.
2-3 महीने में तैयार होती है फसल
बीबी खातून का कहना है कि 1 बीघा जमीन में बंद गोभी की फसल तैयार करने में 2-3 महीने का समय लगता है. नर्सरी तैयार करने के लिए 75-100 वर्गमीटर जगह में बीजों की बुवाई की जाती है. मिट्टी में गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर पौधों की सेहत को बनाए रखा जाता है.
सेहत के लिए फायदेमंद बंद गोभी
विशेषज्ञों का कहना है कि बंद गोभी का सेवन क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोगों के खतरे को कम करता है. यह वजन घटाने और ऊर्जा बढ़ाने में भी मददगार है.
एक सीजन में लाखों की कमाई
बीबी खातून ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि एक सीजन में वह बंद गोभी की खेती से 1 लाख रुपए तक की कमाई करती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि फसल के अच्छे दाम मिलने पर उनकी आय और भी बढ़ सकती है.
ऑर्गेनिक खेती का बढ़ता रुझान
अररिया में ऑर्गेनिक खेती का चलन बढ़ रहा है. किसान इसे न केवल एक लाभदायक विकल्प मानते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का जरिया भी मानते हैं. बीबी खातून जैसी महिलाएं इस दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 17:00 IST