दरभंगा:- आमतौर पर सनातन धर्म में अधिकांश जगहों पर सिर्फ मंगला आरती की जाती है. लेकिन नेपाल के जनकपुर में स्थित जानकी भवन, जहां मां सीता प्रभु राम के साथ विराजमान हैं, वहां मंगला आरती के साथ श्रृंगार आरती भी की जाती है. यहां के उत्तराधिकारी महंत बताते हैं कि जनकपुर में मां सीता के श्रृंगार की प्रधानता है. इसलिए जो मनी माणिक्य के आभूषण माता सीता को श्रृंगार के रूप में दी जाती है, उन तमाम आभूषण और वस्त्र को समय-समय पर बदले जाते हैं और बदलकर उन तमाम चीजों को जानकी मंदिर संग्रहालय में रख दिया जाता है, जहां भक्तजन उसे देख सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं.
बाल्यकाल के होने का अनुमान
बताते चलें कि म्यूजियम में रखे मां सीता के अंग वस्त्र और आभूषण को लोग देखकर उनके बाल्यकाल के होने का अनुमान लगाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है, बल्कि वह तमाम चीज पौराणिक है, मानव निर्मित है. वह सभी सामग्री कलयुग के ही हैं. यहां खास बात है कि श्रृंगार आरती मां सीता के श्रृंगार को लेकर जनकपुर वासी और मंदिर प्रशासन काफी उत्साहित रहते हैं और रोजाना यहां मां सीता का नव श्रृंगार किया जाता है. हर शाम यहां मंगला आरती के साथ श्रृंगार आरती भी की जाती है. माना जाता है कि श्रृंगार आरती मां सीता को काफी पसंद है.
ये भी पढ़ें:- अनपढ़ तो छोड़ो, अब तो पढ़े-लिखे भी साइबर ठग के बन रहे शिकार, रिटायर शिक्षिका के अकाउंट से लाखों की ठगी
म्यूजियम में रखे गए गहने और वस्त्र
इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए जानकी मंदिर के महंत रौशन दास जी महाराज लोकल 18 को बताते हैं कि जो प्राचीन गहना और वस्त्र है. तमाम चीजें, जो 50 और 100 वर्ष पुरानी माता सीता के वस्त्र और गहने जेवरात हैं, उन तमाम चीजों को यहां के म्यूजियम में मंदिर प्रशासन के द्वारा रखा गया है. यहां हमेशा आभूषण माता का बदलता रहता है. किशोरी जी का दूल्हा-दुल्हन के रूप में शैय्या और गहना बदलता रहता है. स्वर्ण में मणि और जरी जैसी चीजों का वस्त्र और गहना बनता रहता है. यहां पर मंगला आरती के साथ श्रृंगार आरती हम लोग करते हैं. वह तमाम आभूषण माता सीता को पहनाते हैं, जो 100 वर्ष पुराना है. वह तमाम चीज कलयुग का ही है, लेकिन पौराणिक है.
Tags: Bihar News, Darbhanga news, Local18
FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 16:03 IST