नई दिल्ली. 3 जनवरी 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. मनमोहन सिंह ने एक टिप्पणी की थी जो पिछले दशक में कई बार सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी है. उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. सिंह से उनके मंत्रियों पर कंट्रोल न कर पाने और कई मौकों पर कार्रवाई न करने के बारे में सवाल किया पूछा गया था. इसके जवाब में, डॉ. सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा था, “मुझे सच में विश्वास है कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में अधिक दयालु होगा.”
उन्होंने आगे कहा था, “मैं सरकार की कैबिनेट सिस्टम में होने वाली सभी बातों का खुलासा नहीं कर सकता. मुझे लगता है कि परिस्थितियों और गठबंधन राजनीति की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए, मैं जितना अच्छा कर सकता था, उतना किया.” उस समय, यूपीए-2 सरकार अपने कई मंत्रालयों में भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही थी, जो 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के सत्ता में आने की एक प्रमुख वजह बनी.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. एम्स ने एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह का उम्र संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था. आज वह घर पर बेहोश हो गए थे. अस्पताल ने कहा, “घर पर तुरंत इलाज मुहैया कराया गया. उन्हें रात 8.06 बजे एम्स की मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया. तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9.51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.”
प्रधानमंत्री बनने से पहले, डॉ. सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया और पीवी नरसिम्हा राव सरकार के तहत वित्त मंत्री के रूप में भारत के आर्थिक सुधारों की देखरेख की. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक को खो दिया है.
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FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 01:36 IST