Homeदेशयह घास पर्यावरण और जानवरों के लिए है नुकसानदायक लेकिन घर बैठे...

यह घास पर्यावरण और जानवरों के लिए है नुकसानदायक लेकिन घर बैठे इससे बनाएं खाद

-


गया : खेत के मेड़ या सड़क किनारे उगने वाली ये गाजर घास भी किसानों के लिए बेहद फायेदमंद हो सकती है. हालांकि गाजर घास को अब तक किसान एक बड़ी समस्या मानते थे. क्योंकि यह पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होता है पर अब किसान इसका इस्तेमाल कर जैविक खाद बना सकते हैं और वेस्ट टू वेल्थ कर सकते हैं. गाजर घास को पशु भी नहीं खाते हैं पर जिस जगह यह उगती है. वहां की उत्पादकता 20 से 30 फीसदी तक कम हो जाती है. इसकी छोटी पत्तियां होती है और इसमें सफेद फूल खिलता है. गाजर घास को लेकर वैज्ञानिकों ने प्रयोग किया और पाया कि इसे जैविक खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

बिहार के गया जिले में भी इस घास से जैविक खाद को तैयार किया जा रहा है जिसे गजरामृत कहा जाता है. जिले के बांके बाजार प्रखंड क्षेत्र के सैफगंज गांव की रहने वाली मुन्नी देवी इस घास से जैविक खाद बना रही है और इससे इनकम भी कर रही हैं. बिना किसी लागत के घर बैठे इस घास से खाद तैयार कर सकते हैं और यूरिया की जगह पर इस खाद का छिड़काव कर सकते हैं. यह खाद जैविक तरीके से 15 दिन में तैयार हो जाता है.

ऐसे तैयार कर सकते हैं खाद
किसी बडे डब्बे में 1 किलो बिना फूल वाली गाजर घास, 1.5 लीटर गौमूत्र, 2 ग्राम फिटकरी और 2 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर अच्छे से चला लें. हर दो दिन पर लकडी से इसे चला लें और जरुरत पडने पर गोमूत्र और डाल सकते हैं. 15 दिन बाद इसके रस को कपडा से छान लें उसके बाद यह खाद पूरी तरह से तैयार.

मुन्नी देवी बांकेबाजार महिला विकास प्रोड्यूसर कंपनी से जुडी हुई है और पिछले एक महीने से जैविक खाद बना रही है. इन्हें एफपीओ के मदद से प्राण के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के बाद एफपीओ से इन्हें सैफगंज गांव में ही बायो इनपुट मिला है जहां यह व्यवसाय कर रही है. रोजाना 15 लीटर तक इसकी बिक्री कर रही है. 40 रुपये प्रति लीटर इस खाद का रेट है और बिना किसी लागत के मुन्नी कुमारी प्रतिदिन 500 रुपये की बचत कर रही है. क्षेत्र के किसान इनके बायो इनपुट से ही खाद की खरीदारी कर रहे है और इसका इस्तेमाल यूरिया खाद के जगह पर किया जा रहा है.

फूल आने से पहले काट लें यह घास
वहीं एफपीओ की अध्यक्ष द्रोपदी देवी बताती है कि यह घास पर्यावरण के साथ मनुष्य और जानवरों के लिए भी काफी नुकसानदायक है. यह खेत को बंजर बना देती है. लेकिन अब किसानों को चिंतित नही होना होगा और इससे खाद तैयार किया जा रहा है. घास में फूल आने पहले काट लें और गोमूत्र तथा सेंधा नमक और फिटकरी मिलाकर इससे खाद बना सकते हैं.

Tags: Agriculture, Bihar News, Local18



Source link

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts