पूर्णिया : डिजिटल जमाने में अब लोग डिजिटल तरीके से देखना सोचना और समझना फिर जाकर उस काम को करना खूब पसंद करते हैं. ऐसे में कई लोग ऐसे होते हैं कि उनको जानकारी ना होते हुए भी वह पूरी तरह डिजिटल पर निर्भर होते हैं और गूगल यूट्यूब जैसे साइट पर जाकर खेती के नए-नए तकनीक और नई-नई जानकारी लेते हैं और फिर उस यूट्यूब से देखें और सीखे हुए उस आइडिया को अपने खेत पर ट्रायल करते हैं फिर जब जाकर जब उन्हें उस ट्रायल पर सफलता मिलती है तो उनके चेहरे पर मुस्कान देखने को मिलता है.
यूटयूब से सीखी खेती कर्नाटक से मंगाया पौधे
पूर्णिया जिला का यह युवा किसान है पूर्णिया जिला के मरंगा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 9 के सत्संग बिहार समीप रहने वाले किसान संतोष कुमार दास ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि वह पिछले कई वर्षों से खेती करता रहा है लेकिन वह अपने खेतों में कुछ ना कुछ नया करने की सोचते रहते हैं. हालांकि खेती की अधिक जानकारी नहीं होते हुए भी वह खेती पर अलग-अलग ट्रायल करने का सोचते रहते हैं. उन्होंने आज से एक साल पूर्व यूट्यूब पर ड्रैगन खेती करने का पूरा वीडियो देखा फिर ड्रैगन खेती करने की सोची. इसके बाद उन्होंने अपने नजदीकी लोगों से जानकारी लेकर कर्नाटक से ड्रैगन फ्रूट मंगाए.
4 बीघा से निकले 40 किलो ड्रैगन फ्रूट
उन्होंने अपने चार बीघा खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती की. इसमें 2500 से अधिक ड्रैगन के पौधे लगाए. इन यह पौधे की उम्र लगभग 7 महीने ही हुई और यह अब तक 30 से 40 किलो फलन किसान को दे चुके हैं. संतोष कहते हैं कि अब तक सभी पौधे में फल और फूल नहीं आए हैं लेकिन कुछ पौधे ऐसे हैं जिसमें उन्हें ड्रैगन के फूल और फल आए हैं. हालांकि कई पौधों से उन्होंने अब तक ड्रैगन फ्रूट को भी तोड़कर स्वाद चखा है तो अपने नजदीकी रिश्तेदारों को भी अपने खेती के ट्रायल किए गए ड्रैगन फ्रूट का स्वाद चखाया है.
अगले 25 साल तक अब पैसों की होगी बारिश
हालांकि वह कहते हैं कि उन्होंने अपने निजी खर्चो से ड्रैगन फ्रूट की खेती की है और यह खेती अब उन्हें अगले 25 साल तक पैसों की बारिश करती रहेगी. हालांकि इस खेती में वह पूरी तरह ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का प्रयोग करते हैं. रसायन मुक्त खेती करने का मजा ही कुछ और होता है और वह पूरी तरह रसायन मुक्त खेती करते हैं हालांकि रसायन मुक्त खेती से हुई फसल के उत्पादन के स्वाद भी काफी बेहतरीन होते हैं . वहीं लोगों के सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है. ऐसे में किसान कहते है कि उन्हें अपने इस ड्रैगन के ट्रायल खेती सफल होने पर उन्हें काफी खुशी हुई है.
FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 21:32 IST