आपने आजतक शहरों में ही मॉल या शॉपिंग सेंटर्स देखे होंगे. जब आप ग्रामीण इलाके का नाम सुनते हैं तो जेहन में खाली मैदान, खेत, मिट्टी के घर, गाय-भैंस आदि आते हैं. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि उदयपुर में लोग शॉपिंग करने से लेकर मौज-मस्ती तक के लिए गांव जाते हैं, तो? आपको लगेगा कि हम मजाक कर रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.
उदयपुर के सरकारी महकमे की लापरवाही की वजह से ऐसा हो रहा है. जी हां, यहां सरकारी अधिकारी इतने सुस्त हैं कि रिकार्ड्स में आज भी सारा शहर ग्रामीण इलाके में ही शॉपिंग के लिए जाता है. दरअसल, शहर के प्रमुख मॉल और शॉपिंग सेंटर्स जिन इलाकों में है, वो इलाके आज भी सरकारी रिकॉर्ड में गांव के नाम पर दर्ज हैं. इसे आज भी शहरी इलाके में शामिल नहीं किया जा सका है.
ये हैं मेजर मॉल
उदयपुर में बने प्रमुख मॉल्स में सेलेब्रेशन मॉल, अर्बन स्क्वायर शामिल हैं. रिकॉर्ड के मुताबिक़, ये मॉल्स भुवाणा ग्राम पंचायत क्षेत्र में शामिल है. इसके अलावा हाल ही में बच्चों के लिए बनाए गए कल्चरल लर्निंग सेंटर थर्ड स्पेस भी इसी इलाके में बना है. जहां शहर कितना आधुनिक है, वो वहां के मॉल्स और शॉपिंग सेंटर्स पर निर्भर करता है, ऐसे में उदयपुर में मॉल्स के ग्रामीण इलाके में होने से सब सकते में हैं.
2012 से पेंडिंग है मामला
प्रशासन की सुस्ती ऐसी है कि 2012 से ही इसमें सुधार के लिए अप्लाई किया गया है लेकिन अभी तक स्थिति नहीं बदली है. ना सिर्फ ग्रामीण इलाके के पंचायत बल्कि सत्ताधिकारी पार्टी के कई विधायकों ने भी इस क्षेत्र को शहरी इलाके में शामिल करने की रिक्वेस्ट की है लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया जा सका है. अब देखना है कि कब तक उदयपुर के लोग शॉपिंग करने के लिए गांव में ही जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 12:40 IST