रिपोर्ट- दीपेंद्र कुमावत
नागौर: राजस्थान के नागौर जिले में 60 करोड़ की लागत से मेमू शेड बनाया जा रहा है. नागौर के मेड़ता रोड में बनने वाला मेमू शेड राजस्थान का पहला शेड होगा. इसमें मेमू ट्रेनों का मेंटेनेंस होगा. इससे राजस्थान में 50 मेमू ट्रेनों के रैक उपलब्ध होंगे. आपको बता दें कि मेमू शेड में पर्यावरण की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए हरित पहल के तहत जल उपचार संयंत्र और सोलर पैनल भी लगाए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि राजस्थान में ट्रेनों के अंदर विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के साथ ही शीघ्र ही मेमू ट्रेनें संचालित होंगी. ये ट्रेन कम समय में तेज स्पीड पकड़ लेती हैं. नागौर में 124 साल पहले जहां सिस्टम इंजन से ट्रेनें संचालित होती थीं वहीं अब वर्ष 2024 में विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के साथ ही इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनों का संचालन होगा.
मेमू ट्रेनों में मेंटेनेंस है कम
मैनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट मेमू, ट्राम, मेट्रों, ईएमयू इन चारों को सेल्फ प्रोपेल्ड व्हीकल कहा जाता है. क्योंकि इनमें इंजन या लोकोमोटिव नहीं लगता है. अपने 8 से 16 कोच को यह ट्रेन दोनों छोर से खींचने में सक्षम होती है. इसमें मेट्रो की तरह कैमरे सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं भी होती हैं. यह ट्रेन स्टेशन से रवाना होने पर जल्द रफ्तार पकड़ लेती हैं. इनके दोनों छोर पर इलेक्ट्रिक इंजन लगे होते हैं. बार-बार इंजन बदलना नहीं पड़ता है. मेमू ट्रेन के रैक के मेंटेनेंस की जरूरत कम होती है. इन्हीं के फिटनेस का काम नागौर मेमू शेड में होगा.
चारों रेल मंडल का जुडाव जंक्शन है नागौर
उत्तर पश्चिम रेलवे जोन का मेड़ता रोड में डेमो शैड बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया था क्योंकि यह जोन के चारों मंडल जोधपुर, जयपुर, अजमेर, बीकानेर के सबसे बीच का जुड़ाव जंक्शन स्टेशन है. वर्तमान में मेड़ता से पुष्कर और रास के लिए नई लाइन का बजट भी स्वीकृत है. यहां पर मेमू का मेंटेनेंस कर रैकों को गंतव्य मंडल में भेज सकेंगे. वैसे ट्रेनों की दृष्टि से भी नागौर देश के चारों महानगरों सहित देश के प्रमुख 30 शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 20:16 IST