दीपेंद्र कुमावत/नागौर. राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त बीएड कॉलेजों के 1000 से अधिक विद्यार्थियों के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई है. आरयू ने ऐसा नियम बना दिया, जिससे नागौर सहित अन्य जिलों के छात्रों पर आगामी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं से बाहर होने का संकट खड़ा हो गया है.
मामले के अनुसार यह वे विद्यार्थी हैं जो वर्तमान में बीए बीएड, बीएससी बीएड, बीएड और एमएड के द्वितीय वर्ष में हैं. इन्होंने सैद्धांतिक परीक्षा तो दे दी, लेकिन किसी कारण से आरयू की प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं दे पाए. हर साल तो प्रायोगिक परीक्षाओं में वंचित रहने वालों से आरयू 1000 रुपए लेकर 15 दिन के भीतर ही प्रायोगिक परीक्षा का एक बार फिर मौका दे देता था.
लेकिन इस बार आरयू ने इस तरह से 15 दिन में प्रायोगिक परीक्षाओं का मौका देने से इनकार कर दिया है. आरयू प्रबंधन ने कहा है कि इन विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा अगले साल के द्वितीय वर्ष के प्रैक्टिकल एग्जाम के साथ होगी. विश्वविद्यालय अलग से प्रायोगिक परीक्षा का अवसर नहीं देगा.
प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय दे रहे हैं स्टूडेंट्स को परीक्षा देने का अवसर
छात्रों के अनुसार राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं से वंचित रहने वालों को शुल्क लेकर मौका दिया जा रहा है. लेकिन आरयू के इस नियम के कारण उनके शिक्षक बनने के सपने टूट रहे हैं. उनका कहना है कि अगर उन्हें बीएड की डिग्री नहीं मिली तो वे रीट के साथ आगामी शिक्षक भर्ती से भी वंचित हो जाएंगे. जबकि आरयू प्रशासन के पास मौका है कि वह हमारी परीक्षा आयोजित करें, ताकि हम रीट में भी अपना भाग्य आजमा सके
प्रैक्टिकल के दौरान हो रही थी भारी बारिश, इसलिए छात्र रहे थे वंचित
विद्यार्थियों का कहना है कि विवि ने जब प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन किया था, जब प्रदेश में भारी बारिश का दौर चल रहा था. कई इलाकों में नेटवर्क संबंधी समस्या भी थी. इस कारण सूचना नहीं मिली. बारिश और सूचना नहीं मिलने से बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा देने नहीं आ सके और अनुपस्थित रहे. इन विद्यार्थियों का बीएड-एमएड का द्वितीय वर्ष के कारण प्रायोगिक परीक्षा नहीं होने पर छात्रों बीएड-एमएड की डिग्री अटक जाएगी.
Tags: Local18, Nagaur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 21:23 IST