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दिल्ली चुनाव के बाद क्या खेला होगा? क्योंकि जब अजय माकन से पूछा गया कि क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चुनाव के बाद फिर एक साथ आ सकते हैं, तो इसका जो जवाब उन्होंने दिया वह काफी कुछ इशारा करता है.
हाइलाइट्स
- माकन ने कहा कि वे नहीं चाहते कि आप के साथ अलायंस हो लेकिन…
- राहुल गांधी के आक्रामक तेवर फिर से साथ आने का संकेत नहीं दे रहे
- केजरीवाल के खिलाफ सोमवार को मैदान में उतरने वाले हैं राहुल गांधी
दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ थे. लेकिन फिर राहें जुदा हो गईं. कांग्रेस आक्रामक तेवरों के साथ चुनावी मैदान में है. आम के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले कर रही है. खुद राहुल गांधी भ्रष्टाचार और दिल्ली के विकास पर केजरीवाल से सवाल कर चुके हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर आम आदमी पार्टी को चुनाव के बाद कुछ विधायकों की जरूरत पड़ी और कांग्रेस उस स्थिति में हुई, तो क्या राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल एक बार फिर साथ आएंगे? कांग्रेस नेता अजय माकन ने शनिवार को इसे लेकर बड़ा इशारा किया. राहुल गांधी का नई दिल्ली सीट पर चुनाव प्रचार भी इसका ट्रेलर है.
अजय माकन ने कहा, कांग्रेस को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए, लेकिन उन्होंने यह विकल्प खुला रखते हुए कहा कि यह उनका निजी विचार है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद जरूरत पड़ने पर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को समर्थन देगी? अजय माकन ने कहा, यह मेरा निजी विचार है कि ‘आप’ के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए. मुझे यह भी लगता है कि 2013 में ‘आप’ को कांग्रेस की ओर से कोई समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए था और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन होना चाहिए था. लेकिन यह मेरा निजी विचार है.
माकन के बयान के मायने समझिए
कांग्रेस से सीनियर लीडर और राहुल गांधी के बेहद करीबी अजय माकन का यह बयान काफी कुछ संकेत देता है. उन्होंने बार-बार कहा कि यह मेरा निजी विचार है. यानी गुंजाइश बनी हुई है कि आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का समर्थन मिल सकता है. यह बयान इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि जब भी कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ जाने का फैसला लिया है, तो सबसे आगे बढ़कर अजय माकन विरोध करते रहे हैं. लेकिन उनके विरोध को नजरअंदाज कर पार्टी ने सियासी जरूरत बताते हुए केजरीवाल को समर्थन दिया. मगर इस बार पार्टी ने जो स्टैंड लिया है, वह साफ बताता है कि कांग्रेस का रुख कुछ बदला हुआ है.
दूसरा बड़ा संकेत
एक और संकेत मिल रहा है. राहुल गांधी सोमवार की शाम नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने के लिए उतर रहे हैं. यह वही सीट है, जहां से आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस का पहले रुख रहा है कि उसके शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कभी प्रचार करने नहीं उतरते. इससे पहले सीलमपुर की रैली से भी राहुल गांधी ने केजरीवाल पर सीधा हमला बोला था. कांग्रेस दिल्ली में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. दिल्ली की राजनीति करने वाले माकन ने कहा, केजरीवाल राष्ट्र विरोधी हैं. आम आदमी पार्टी के मजबूत होने का मतलब होगा कि हम भाजपा की ताकत बढ़ा रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा, कांग्रेस, भाजपा से नहीं लड़ सकती. भाजपा से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है.
क्यों नहीं हुआ अलायंस?
माकन ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली दोनों जगहों पर कांग्रेस आप के साथ गठबंधन करना चाहती थी, लेकिन जेल से रिहा होने के तुरंत बाद केजरीवाल ने घोषणा की कि उनकी पार्टी हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि हम गठबंधन के लिए बातचीत के अंतिम चरण में थे. जहां तक दिल्ली का सवाल है, केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद घोषणा की थी कि वे दिल्ली चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे. जब से दिल्ली में आप सत्ता में आई है, भाजपा केंद्र में सरकार बना रही है क्योंकि उसने सभी सातों लोकसभा सीटें जीत ली हैं, तो फिर भाजपा के साथ कौन है?
New Delhi,New Delhi,Delhi
January 18, 2025, 21:19 IST