ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) कांग्रेस से नाराज है और उसने अपना मन बना लिया है. टीएमसी ने कांग्रेस के साथ खड़े होने से इनकार करते हुए विपक्षी INDIA गठबंधन के दूसरे सहयोगियों के साथ मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है.
इन सहयोगियों का मानना है कि कांग्रेस ने कभी उनकी चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया. हाल ही में इसका उदाहरण राहुल गांधी का लोकसभा में दिया गया भाषण है, जिसमें उन्होंने वीर सावरकर पर हमला किया, जिससे महाविकास अघाड़ी के घटक उद्धव सेना और एनसीपी (शरद पवार) असहज हो गए. सूत्रों के अनुसार, सेना और टीएमसी नेताओं के बीच हाल में मुलाकात हुई, जिसमें राहुल गांधी के ऐसे बयानों पर नाजारगी जताई गई, जिससे उनके लिए असहज स्थिति बन आई.
बीजेपी से ममता बनर्जी ही ले सकती हैं मोर्चा
तृणमूल सांसद ऋतब्रत बनर्जी ने CNN-News18 से बात करते हुए कहा, ‘ममता बनर्जी ने कई बार साबित किया है कि वह अकेले ही बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर सकती हैं. कोई और नहीं कर सकता और न ही कर पाया है. इसलिए, उन्हें ही मोर्चे का नेता होना चाहिए.’
इसके अलावा, एक और उदाहरण दिया जा रहा है जिससे पता चलता है कि कांग्रेस कैसे एक खराब सहयोगी है. संसद में संविधान पर चर्चा के अंतिम दिन, जब आप नेता संजय सिंह बोलने के लिए उठे, तो बीजेपी ने ‘केजरीवाल चोर है’ के नारे लगाए. यह बताया गया कि INDIA गठबंधन के सभी सहयोगियों ने इसका विरोध किया और प्रधानमंत्री पर हमला करके जवाब दिया, लेकिन तब कांग्रेस के नेता चुप रहे. एक शीर्ष विपक्षी नेता ने कहा, ‘हमें पता है कि दिल्ली में चुनाव हैं, लेकिन कांग्रेस हमारे साथ खड़ी हो सकती थी.’
ममता बनर्जी का क्या है प्लान?
दिलचस्प बात यह है कि जब कई लोग कांग्रेस के नेतृत्व में आंबेडकर मुद्दे पर विरोध कर रहे थे, तब टीएमसी गैरहाजिर थी. हालांकि ममता बनर्जी ने इसे खुद एक बड़ा मुद्दा बनाया और सोशल मीडिया पर सरकार पर हमला किया. इसके अलावा, पार्टी नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस भी दिया.
सूत्रों का कहना है कि एक प्रस्ताव पर काम चल रहा है, जिसमें कहा गया है कि अगर कांग्रेस अपने तरीके नहीं बदलती है, तो समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं का एक नया गठबंधन बनाया जा सकता है. इसमें TMC, उद्धव की शिवसेना यूबीटी, एनसीपी (एसपी) और आरजेडी शामिल हो सकते हैं.
उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी इस गठबंधन के गठन को सुनिश्चित करने के लिए अग्रणी हैं, जो ‘लोगों के मुद्दों’ पर बीजेपी का मुकाबला करेगा, न कि ‘अस्पष्ट’ अभियानों पर.
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FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 05:01 IST