सतना. कृषि उपज मंडी के लेबरों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. लेबरों का आरोप है कि वर्ष 2017 के बाद से उनके मेहनताने में कोई वृद्धि नहीं की गई है. 4 नवंबर को हुए आंदोलन के दौरान प्रशासन और मंडी सचिव करुणेश तिवारी ने 20 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मंडी की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं.
लेबरों की हड़ताल के चलते मंडी में दैनिक कामकाज रुक गया है, जिससे विक्रेताओं और व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. मंडी के कार्यों में देरी और अतिरिक्त लागत ने व्यापारियों को भी मुश्किल में डाल दिया है.
लेबरों की मांग
लोकल 18 से बात करते हुए लेबरों ने बताया कि वे अब नग ( एक बोरी ) के हिसाब से मेहनताना चाहते हैं ना की एक कुंटल के हिसाब से. उनका कहना है कि एक बोरी के लिए 4 रुपए उतराई और 4 रुपए भराई की दर तय की जाए. महिला लेबरों ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि आखिरी बार 2017 में उनके मेहनताने में 2.40 रुपए की मामूली वृद्धि हुई थी. तब से लेकर आज तक सभी चीजों के दाम बढ़ चुके हैं, लेकिन उनका मेहनताना जस का तस है.
तुलावटी संघ ने उठाई आवाज
तुलावटी संघ के अध्यक्ष उदयभान साकेत ने बताया कि सतना मंडी चार विधानसभा और आठ ब्लॉकों से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि संघ ने कई बार मजदूरों की समस्याओं को प्रशासन के सामने रखा है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.
सचिव से की गई मांग
लेबर नेता ने मांग की है कि मंडी सचिव करुणेश तिवारी सामने आकर अपने वादे को पूरा करें और मजदूरों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करवाएं. इसके बाद ही हड़ताल समाप्त हो सकेगी. मंडी की इस स्थिति ने सतना के स्थानीय व्यापारियों को संकट में डाल दिया है. ऐसे में सभी की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं.
Edited By- Anand Pandey
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FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 13:34 IST