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छपरा के मांझी प्रखंड अंतर्गत बरेजा गांव की रहने वाली आरती देवी की काफी मुश्किल भरी जिंदगी गुजर रही थी. लेकिन आरती देवी ने हार न मानकर खुद की जिंदगी बदली. उन्होंने लोन लेकर अपना काम शुरू किया जो आज काफी अच्छा चल रहा है….और पढ़ें
छपरा. छपरा के मांझी प्रखंड अंतर्गत बरेजा गांव की आरती देवी की कहानी काफी अलग है. पति और पत्नी दोनों शराब का कारोबार करते थे. अचानक शराबबंदी होने से रोजगार छिन गया. घर में भुखमरी आ गई. घर में एक वक्त के खर्ची के लिए सोचना पड़ता था. काफी मुश्किल भरी जिंदगी गुजर रही थी. इसी दौरान उन्होंने जीविका से जुड़कर किराना दुकान को लेकर लोन लिया. लोन मिलने के बाद किराना दुकान खोल दी, और किराना दुकान चलने लगी. इसके बाद कुछ कमाई करके आरती देवी ने फिर बकरी फार्म खोल दिया.
अब आरती देवी की किराना दुकान और बकरी फार्म दोनों चलता है. इसके बाद अब आरती देवी तीसरा व्यवसाय शुरू किया है. जिसकी मांग पूरे देश में धरले से हो रही है. आरती देवी सिक्की और घास से काफी आकर्षक तस्वीर बना रही हैं, जिसकी बिक्री बिहार के कोने-कोने में स्टॉल लगाकर बेचने के काम करती हैं. इसके साथ ही ऑर्डर पर भी तस्वीर बनाकर लोगों को देती हैं.
अब मौज से गुजर रही जिंदगी
लोकल 18 से आरती देवी ने बताया कि पहले मेरा शराब बेचने का कारोबार था. शराबबंदी होने के वजह से मेरा रोजगार बंद हो गया. पूरी तरह से बेरोजगार हो गई, दाने-दाने के लिए तरसने लगी. इसके बाद उन्होंने बताया कि जीविका से जुड़कर किराना दुकान खोलने के लिए लोन लिया और किराना दुकान खोली तो जमकर चलने लगी. उसके बाद मैंने फिर लोन लेकर बकरी फार्म खोला. उन्होंने बताया कि घर पर रह कर ही दोनों कारोबार को संभाल रही थी. अब तीसरा कारोबार सिक्की का खोला है. सिक्की और घास से आकर्षक तस्वीर बनाने का काम करती हूं. जो देखने में काफी अच्छा लगती है. यही वजह है कि पूरे देश में लोग आर्डर करके भी बनवाते हैं. सरस मेला गांधी मैदान मेला सोनपुर मेला सहित विभिन्न जगहों पर स्टाल लगाकर तस्वीर को 1500 से लेकर 2000 से अधिक महंगे दर पर मैं बेचकर अच्छी कमाई कर रही हूं. मैं अपने गांव में जो जीविका दीदी का समूह चलती हूं. उसे जुड़कर यह काम करती हूं.