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शिमला के बागवानों के लिए खुशखबरी, मिलेगा फसल का अच्छा दाम, यहां बनेगी वाइनरी

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शिमला. हिमाचल प्रदेश में बागवानों को उनकी फसल के लिए अब अच्छा दाम मिल पाएगा. हिमाचल प्रदेश बागवानी उपज विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (HPMC) शिमला जिला के ठियोग के पराला में वाइनरी स्थापित करेगा. इस परियोजना की लागत 86 करोड़ रुपए होगी. परियोजना से प्रदेश में बागवानी क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. प्रदेश सरकार ने वाइनरी स्थापित करने के लिए एचपीएमसी को लाइसेंस प्रदान किया है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना के साकार होने से प्रदेश के फल उत्पादकों विशेषकर सेब, आड़ू और प्लम बागवानों को उनके उत्पादों के अच्छे और अधिक लाभकारी मूल्य हासिल होंगे. बागवानी उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी. इसके साथ ही हिमाचल, देश में फल आधारित गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के हब के रूप में स्थापित होगा. यह परियोजना प्रदेश के कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को मजबूत करने की सरकार की परिकल्पना को पूरा करेगी और इस क्षेत्र में प्रदेश में आधुनिक अधोसंरचना और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

लोगों के लिए उपलब्ध होंगे रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व के स्रोतों को बढ़ाने के साथ ही यह परियोजना उत्पाद, प्रसंस्करण विपणन और संबंधित उद्योगों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी. प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों का सतत् विकास सुनिश्चित कर किसानों और बागवानों की आय में वृद्धि करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है. हिमाचल की अधिकतर जनसंख्या गांवों में बसती है और कृषि एवं बागवानी क्षेत्र लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है. प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं.

देश के फल राज्य के रूप में जाना जाता है हिमाचल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों के फलस्वरूप हिमाचल को देश के फल राज्य के रूप में जाना जाता है. सरकार राज्य के फल आधारित उत्पादों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना को बढ़ावा दे रही है. सेब उत्पादकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार ने लम्बित यूनिवर्सल कॉर्टन की मांग को पूरा किया है. इसके अतिरिक्त मंडी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत किसानों को 163 करोड़ रुपये की राशि वितरित कर लाभान्वित किया गया.

कीटनाशकों पर मिलने वाली सब्सिडी को किया गया बहाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सेब उत्पादकों के लिए फफूंदनाशक और कीटनाशकों पर मिलने वाली सब्सिडी को बहाल किया है, जिससे बागवानों का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है. राज्य सरकार ने फलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी ऐतिहासिक वृद्धि की है. इसके अलावा फल उत्पादकों को लम्बित राशि का समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया है. सरकार के यह सभी प्रयास किसानों और बागवानों के कल्याण और उत्थान के प्रति सरकार की प्राथमिकता को प्रदर्शित करते हैं.

Tags: Himachal news, Latest hindi news, Local18, Shimla News



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