जयपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि पिछले कुछ बरसों से देश में संघ और हिन्दुत्व के खिलाफ नरेटिव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश में बढ़ता हुआ देशभक्ति का भाव, समाज में संघ के प्रति बढ़ता हुआ विश्वास और हिंदूत्व को जानने, पहचाने तथा उसके आधार पर जीने की इच्छा इन लोगों को चुनौती लग रही है. इसलिए संघ विरोधी ताकतों ने संघ और हिन्दुत्व के खिलाफ तीन तरह के मूवमेंट शुरू किए हैं.
इसमें नरेटिव बेस्ड मूवमेंट के जरिये वो बहुत सारी बातें चिपका देते हैं. फिर प्रचार के माध्यम से आमजन के बीच ले जाते हैं. बहुत सारी बातें आपने सुनी होगी जैसे संघ तिरंगे और संविधान का विरोध करता है. इसके लिए किसी आधार की आवश्यकता नहीं है. केवल इन लोगों ने यह थोप दिया है. उन्होने कहा कि इस काम में देश के बाहर की शक्तियां भी इनके साथ हैं. अरुण कुमार मंगलवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे.
कहते हैं संघ सब पर कब्जा करना चाहता है
सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि यह लोग नरेटिव सेट कर रहे हैं कि संघ पूरे देश पर हिंदी थोपना चाहता है. दक्षिण भारत विरोधी है. इनकी हिन्दुत्व की सोच मनुवादी है. ये दलित विरोधी हैं. संघ सीक्रेट ऑर्गेनाइजेशन है. संघ देश की हर संस्था पर कब्जा करना चाहता है. इस तरह का नरेटिव पूरे देश में चलाया जा रहा है.
इन लोगों के पास विचार की ताकत नहीं है
उन्होंने कहा कि सीएए आया तो इन्होने उसे मुस्लिम विरोधी करार दिया. जनगणना का समय आया तो यह कहते है कि हम हिंदू नहीं है. हमारे लिए अलग कोड की व्यवस्था की जाए. पिछले 10-15 बरसों से हिंदू, राष्ट्रवाद और संघ अन्य संगठनों के प्रति अनास्था और अविश्वास का माहौल बनाया जा रहा है. इन लोगों के पास विचार की ताकत नहीं है. लेकिन इनके पास विचार के प्रति भ्रम पैदा करने की ताकत है. ऐसे में हमारे लिए जरुरी हो गया है कि हम अपने विचारों के प्रति स्पष्ट रहें. जिन वर्गों में यह भ्रम पैदा कर रहे हैं उनके लिए हम काम करें. विचार की स्पष्टता आना जरूरी है.
घूंघट इस्लाम और जाति अंग्रेज लाए थे
सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि हमारे देश में कभी पर्दा प्रथा नहीं थी. लेकिन हमारे यहां घूंघट की प्रथा इस्लाम लेकर आया. इसी तरह से हमारे यहां जाति शब्द नहीं था. आज हम जो सुनते हैं एससी, एसटी यह हमारे यहां नहीं था. हमारे यहां काम के आधार पर समाज की व्यवस्था थी. लेकिन दुर्भाग्य से पिछले 100-150 साल में हम हमारे मूल से कट गए. उन्होंने एक थ्योरी दी कि आर्य बाहर से आए. हमारे यहां कभी भाषा के आधार पर राज्य नहीं थे. आज हम अपने विचारों पर शर्म महसूस करते हैं. इसे बदलने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा भी मौजूद रहे
एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित कई मंत्री, विधायक और संघ पदाधिकारी मौजूद रहे.
Tags: Hindu Organization, Rashtriya Swayamsevak Sangh
FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 07:05 IST