नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली की तरह पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ की आबोहवा भी लगातार ख़राब होती जा रही है. चंडीगढ़ के डायरेक्टर इंवायरन्मेंट टी सी नोटीयाल का कहना है कि चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता ख़राब स्थिति में पहुंच गया है. चंडीगढ़ में आज AQI 330 पहुंच गया है. पिछली पांच दिनों से चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण के बढ़ने का कारण मुख्य रूप से पराली जलाना है. नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक कर वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिये आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये गये है. अगर आने वाले दिनों में मौसम में परिवर्तन होगा तभी चंडीगढ़ के हालत सुधर सकेंगे. फिलहाल लोगों को भी हिदायत दी गई है कि वो भी सावधानी बरते गाड़ियों को कम चलाये, कूड़ा कजरा ना जलाये.
आने वाले दिनों में अगर वायु प्रदूषण ऐसे ही खराब रहता है तो निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाया जा सकता है. चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने शहर की स्थिति को देखते हुए नगर निगम को छिड़काव और अन्य कदम उठाने के कहा गया है. एक दिन पहले चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पॉल्यूशन के मामले को लेकर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत गठित टास्क फोर्स की बैठक हुई , जिसमें U.T में खराब वायु गुणवत्ता और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को संबोधित करने के लिए आवश्यक तत्काल उपायों पर चर्चा की गई.
बैठक की अध्यक्षता चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति (CPCC) के सदस्य सचिव ने की! बैठक में नगर निगम, चंडीगढ़ (एम. सी. सी.) यातायात पुलिस और उद्योग विभाग के विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे. U.T. में बढ़ते वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक के रूप में पराली जलाना माना जाता था. उनमें आने वाली सर्दी, त्योहारों का मौसम शामिल है, जिससे उनकी कारों में सड़क पर लोगों की संख्या बढ़ जाती है और इसके परिणामस्वरूप यातायात जाम और वायु प्रदूषण, पटाखे फोड़ने और तापमान में बदलाव हो सकता है. चंडीगढ़, जो वर्तमान में 301 और 400 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ बहुत खराब श्रेणी में है! U.T. की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए टास्क फोर्स ने कुछ उपाय करने का फैसला किया.
FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 15:09 IST