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‘समोसा मेरी कमजोरी…मुझे बेहद पसंद’,  जलेबी के बाद अब पूर्व CM जयराम ने उड़ाई समोसों की दावत

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मंडी. हिमाचल प्रदेश में समोसे को लेकर राजनीति गर्माई हुआ है. इस बीच पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सर्किट हाउस मंडी में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ चाय-समोसे का आनंद लिया.  जब बात समोसे की राजनीति की हो रही थी तो जयराम ठाकुर ने भी सत्ता पक्ष पर आरोप लगाने और तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि समोसा खाने को लेकर हुई जांच के बाद आई रिपोर्ट में इसे सरकार विरोधी गतिविधि बताया गया है. यह सिर्फ हास्यास्पद है. यदि समोसे विपक्ष ने खाए होते तब भी इस बात को मानते कि यह सरकार विरोधी गतिविधि है, लेकिन विपक्ष के पास न तो समोसे पहुंचे और न ही सरकार ने खिलाए. समोसे को जहां पहुंचना चाहिए था वहां पहुंच नहीं पाया और सरकार ने उस पर सीआईडी की जांच बैठा दी. इसी से पता चलता है कि प्रदेश की सरकार कितनी गंभीरता से काम कर रही है. जो सरकार आर्थिक संकट में है उस सरकार में फाइव स्टार होटल से समोसा मंगवाया जा रहा है. इसी से सरकार की नीति और नीयत का पता चलता है.

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है, मंत्रियों पर आरोप लगे हैं. उद्योग, पीडब्ल्यूडी, आईपीएच और स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन सरकार उसकी जांच न करवाकर समोसो पर जांच करवा रही है. बीना सोचे समझे निर्णय लेना, यह सरकार की आदत हो गई है जिस कारण सरकार की फजीहत हो रही है. पिछले कुछ दिनों में सरकार की तरफ से लिए गए निर्णय इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं. कभी टॉयलेट पर टेक्स लगा दिया जाता है तो कभी बसों पर ले जाए जाने वाले सामान पर किराया वसूला जाता है. सरकार नौकरियां देने का वादा करके आई थी, लेकिन अब हालत यह है कि सरकार नौकरियों को ही समाप्त कर रही है. लोग अब यही कह रहे हैं कि सरकार ऐसे हाथों में चली गई है जिन्हें कोई भी फैसला करने का ज्ञान ही नहीं है. गौरतलब है कि जयराम ठाकुर ने हरियाणा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद मंडी के बाजार में जलेबियां भी बांटी थी और खुद भी दावत उड़ाई थी.

समोसा मेरी कमजोरी

जयराम ठाकुर ने बताया कि समोसा उनकी कमजोरी है. वे समोसा खाना बेहद पसंद करते हैं. कॉलेज के दिनों में जब दोपहर के लंच की कोई व्यवस्था नहीं होती थी तो मामू के ढाबे पर जाकर समोसा और ब्रेड खरीदते थे. ब्रेड के बीच में समोसा रखकर उसे सेंडविच की तरह चाय के साथ खाते थे और उसी से पूरा दिन निकालते थे. यही एक तरह का लंच होता था और ऐसा करके बहुत साल निकाले हैं. आज भी मुझे समोसा बेहद पसंद है. जब कभी मुझे कहीं गर्मागर्म समोसे दिखते हैं तो मैं बड़े चाव के साथ इन्हें खाता हूं.

Tags: Jairam Thakur, Shimla News Today, Sukhvinder Singh Sukhu



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