IGI Airport: इस कहानी की शुरूआत पंजाब के गुरदासपुर जिले के अंतर्गत आने वाली मसानियां गांव से शुरू होती है. इस गांव के कई नौजवान बेहतर जिंदगी की आस में साइप्रस मे जा बसे हैं. साइप्रस में बस चुके इस गांव के नौजवानों की रंगभरी जिंदगी को देख अब इसी गांव में रहने वाले थॉमस मसीह का मन भी साइप्रस जाने के लिए मचलने लगता है. थॉमस मसीह ने पता किया तो पता चला कि ये सभी नौजवान पहले स्टूडेंट वीजा पर साइप्रस गए और फिर वहीं के होकर रह गए.
बेहतर जिंदगी की आस में थॉमस मसीह ने भी साइप्रस जाने का फैसला कर लिया. 2017 में उसने जालंधर से अपना पासपोर्ट बनवाया और साइप्रस स्थिति फिलिप्स कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए आवेदन कर दिया. कुछ ही दिनों में एक बड़ी खुशखबरी उसके हाथ में थी और फिलिप्स कॉलेज में एडमीशन का लेटर उसके हाथ में था. जिसके बाद, सितंबर 2018 में थॉमस मसीह अपने पासपोर्ट और एक साल के स्टूडेंट वीजा पर आईजीआई एयरपोर्ट से साइप्रस के लिए रवाना हो गया.
बीता एक साल का वक्त और खत्म हुई वीजा की अवधि
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, देखते ही देखते एक साल का समय बीत गया और उसके स्टूडेंट वीजा की अवधि भी खत्म हो गई. जिसके बाद, उसने न ही न ही अपने न ही कॉलेज की फीस जमा की और न ही अपना स्टूडेंट वीजा एक्सटेंड कराया और वहां गैर कानूनी तरीके से रहने लगा. इसी बीच, साइप्रेस में ही उसकी मुलाकात एक ऐसे युवक से हुई, जो न केवल उसके गांव के पास का रहने वाला था, बल्कि उसका नाम भी थॉमस था.
हमनाम युवक ने मिली साइप्रस में टिके रहने की सलाह
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, कुछ दिनों की मुलाकात के बाद थॉमस ने उसे बताया कि वह भी स्टूडेंट वीजा पर साइप्रस आया था और वीजा की अवधि खत्म होने के बाद उसने साइप्रस का असाइलम सर्टिफिकेट हासिल कर लिया. थॉमस ने थॉमस मसीह को भी असाइलम सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने की सलाह थी. यहां थॉमस की सलाह काम कर गई. 2020 में थॉमस को साइप्रस का असाइलम सर्टिफिकेट मिल गया और वह अगले दो साल तक इस सर्टिफिकेट की मदद से वहां बना रहा.
… और थॉमस ने वतन वापसी के लिए रचा यह खेल
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 2020 में थॉमस मसीह ने असाइलम सर्टिफिकेट को रिन्यू करने के लिए अप्लाई किया, लेकिन इस बार उसका सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं हो सका. असाइलम सर्टिफिकेट रिन्यूल एप्लीकेशन रद्द हो जाने के बाद थॉमस मसीह को पता था कि अब उसे कभी भी भारत के लिए डिपोर्ट किया जा सकता है. अब उसे इस बात का डर सता रहा था कि डिपोर्टेशन के दौरान, ओवर स्टे के चलते उसे पूरे यूरोप में ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है. ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए थॉमस के साथ मिलकर थॉमस मसीह ने एक नया खेल रच लिया.
ब्लैक लिस्ट और गिरफ्तारी से बचने को बदला पासपोर्ट
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि ब्लैक लिस्ट और गिरफ्तारी कसे बचने के लिए थॉमस और थॉमस मसीह का नया प्लान तैयार था. प्लान के तहत थॉमस में मदद करने के बहाने अपना पासपोर्ट थॉमस मसीह को सौंप दिया, जिससे कोई उनसे किसी तरह का सवाल न कर सके. पासपोर्ट के एवज में थॉमस ने थॉमस मसीह से दो लाख रुपए वसूल किया. जिसके बाद, थॉमस मसीह को थॉमस के पासपोर्ट पर साइप्रस से भारत के लिए डिपोर्ट कर दिया गया. वहीं, दिल्ली पहुंचने के बाद थॉमस के साथ नया खेला हो गया.
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक तारीख ने खोल दी पूरी पोल
थॉमस मसीह का प्लान साइप्रस एयरपोर्ट पर न केवल काम कर गया, बल्कि वह सकुशल दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया. लेकिन उसकी चाल दिल्ली एयरपोर्ट पर काम नहीं आई. दिल्ली एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन रिकार्ड की जांच के दौरान पता चला कि यह थॉमस मसीह नामक यह यात्री 2018 में स्टूडेंट वीजा पर साइप्रस गया था. उस समय प्रस्तुत किए गए पासपोर्ट में दर्ज जन्मतिथि और मौजूदा पासपोर्ट में दर्ज जम्नतिथि अलग-अलग है. इन दोनों तारीखों को लेकर थॉमस मसीह से पूछताछ शुरू हुई और सारी पोल खुल कर सामने आ गई.
… और फिर गिरफ्तार किया गया थॉमस मसीह
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, थॉमस मसीह के खुलासे के बाद उसे कार्रवाई के लिए आईजीआई एयरपोर्ट के सुपुर्द कर दिया गया. जिसके बाद, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने थॉमस मसीह के खिलाफ आईपीसी की धारा 419/420 के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. अब इस मामले में थॉमस मसीह को अपना पासपोर्ट देने वाले थॉमस को भी आईजीाई एयरपोर्ट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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FIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 12:57 IST