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साल में 3 बार मिलता है जापान का ये पौधा, डेढ़ साल में 2 टन की हार्वेस्टिंग

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आशीष कुमार/ पश्चिम चम्पारण:- यदि हम आपसे ये कहें कि अमरूद की खेती से कोई भी किसान एक साल में तीन बार भरपूर आमदनी कर सकता है, तो क्या आप यकीन करेंगे? ज्यादातर लोग इसे मानने से इंकार कर देंगे. लेकिन आज हम आपको इस बात का ठोस प्रमाण देते हुए, पश्चिम चम्पारण जिले के एक ऐसे किसान की जानकारी देने वाले हैं, जिन्होंने अमरूद की एक खास प्रजाति की बागवानी कर, डेढ़ वर्षों में दो बार फलों की हार्वेस्टिंग की है और डेढ़ लाख रूपए से ऊपर की शुद्ध आमदनी की है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि पेड़ पर फलों का फलन पौधा रोपण वाले वर्ष से ही होने लगा. हालांकि पहले वर्ष फलों की हार्वेस्टिंग को जानकर सही नहीं मानते हैं. लेकिन पौधा रोपण के दूसरे वर्ष से हार्वेस्टिंग का लाभ लिया जा सकता है.

पौधा रोपण के पहले वर्ष ही होने लगा फलन
जिले के योगापट्टी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले दुलारपट्टी गांव निवासी अजय दूबे एक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने हर तरह की फसल, फल और सब्जियों की खेती की है. वर्ष 2023 के जनवरी महीने में अजय ने करीब एक चौथाई एकड़ में अमरूद के 80 पौधों की रोपनी की थी, जो जैपनीज रेड डायमंड नस्ल के हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि जनवरी में लगाए गए सभी पौधों में अक्टूबर–नवंबर तक फलन हो चुका था. बकौल अजय, पहले वर्ष ही पौधों में फलों के फलन ने उन्होंने पूरी तरह से चौंका दिया. हालांकि पौधों के छोटे आकार को देखते हुए उन्होंने सिर्फ 20 पौधों से ही हार्वेस्टिंग की, जिससे उन्हें करीब 290 किलो अमरूद की प्राप्ति हुई.

डेढ़ वर्षों में हुआ 1900 किलो अमरूद का फलन
बकौल अजय, अमरूद की क्वालिटी और बड़े आकार की वजह से बाजार में उन्हें 80 रूपए प्रति किलो का भाव मिला. ऐसे में उन्होंने पौधा रोपण से 10 महीने के अंदर ही करीब 25 हजार रूपए तक की कमाई कर ली. यहां सबसे खास बात तो यह है कि जनवरी 2023 में लगाए गए पौधों से अगस्त 2024 तक उन्होंने दो बार फलों की हार्वेस्टिंग कर ली है. पौधा रोपण के दसवें महीने जहां उन्होंने 290 किलो अमरूद की हार्वेस्टिंग की थी, वहीं 19 वें महीने अर्थात अगस्त 2024 में उन्होंने 80 पौधों से करीब 1600 किलो अमरूद की हार्वेस्टिंग की है.


खास है अमरूद की यह प्रजाति

गौर करने वाली बात तो यह है कि इस बार भी उन्हें बाजार में अमरूद की अच्छी कीमत मिली है. 1600 किलो अमरूद की बिक्री से उन्हें 1 लाख 15 हजार रूपए की आमदनी हुई है. अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि डेढ़ वर्षों में ही अजय ने सिर्फ अमरूद की बागवानी से करीब डेढ़ लाख रूपए तक की आमदनी कर ली है. कृषि विशेषज्ञ रविकांत पांडे की मानें तो, जैपनीज रेड डायमंड अमरूद की एक ऐसी प्रजाति है, जिसका फलन साल में तीन बार होता है. हालांकि पौधों की अच्छी सेहत के लिए पहले वर्ष उनसे फलों को लेना उचित नहीं होता है. लेकिन दूसरे वर्ष से फलों की हार्वेस्टिंग की जा सकती है.

Tags: Agriculture, Bihar News, Local18



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