धर्मशाला. बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि हिमाचल प्रदेश की दो राजधानी है शिमला और धर्मशाला. सर्दियों में शिमला में बर्फबारी के कारण काम काज पर असर पड़ता है इसलिए विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला के तपोवन में बुलाया जाता है ताकि कार्य सुचारू रूप से चलता रहे.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला को राज्य की दूसरी राजधानी घोषित किया था. धर्मशाला धौलाधार पर्वत श्रंखला पर स्थित है. 1960 में दलाई लामा ने इस शहर को अपना मुख्यालय बनाया था, तभी से वह यहां से तिब्बत की निर्वासित सरकार चला रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने बनाई राजधानी
सर्दियों में अपने प्रवास पर धर्मशाला आए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि धर्मशाला का अपना इतिहास और महत्व है. साथ ही यह राज्य की दूसरी राजधानी बनने का हकदार है. उन्होंने कहा कि राज्य के निचले इलाकों जैसे कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर और ऊना जिले में इस शहर का अपना महत्व है. इस क्षेत्र के लोगों को अब इस विशेष दर्जे का फायदा होगा. उन्हें अपने काम के लिए शिमला नहीं जाना होगा. उनका कहना था कि धार्मिक और अडवेंचर टूरिज्म के महत्व के चलते धर्मशाला का केवल भारत के नक्शे पर ही नहीं बल्कि दुनिया के नक्शे पर भी अहम स्थान है.
धर्मशाला, दलाईलामा का घर
धर्मशाला को दलाई लामा का घर बताते हुए पूर्व सीएम ने कहा था कि दुनिया के प्रतिष्ठित लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है. उन्होंने कहा कि दलाई लामा के चलते पूरी दुनिया से कई लोग इस क्षेत्र के दौरे पर आते हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार 2005 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र का शिमला से बाहर आयोजन किया गया था. धर्मशाला के तपोवन में पहले से ही एक विधानसभा भवन है. इसकी नींव भी 2006 में वीरभद्र सिंह के समय में ही रखी गई है.
जानिए क्या बोले डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा
धर्मशाला में दिसंबर 18 से 21 तक शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जा रहा है जिसकी जानकारी देते हुए उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा है कि सभी विभागों को समय से हर खामी को दूर करने के निर्देश दे दिए गए हैं ताकि किसी तरह की कोई अव्यवस्था न हो.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 16:38 IST