जमुई. भगवान की आराधना करने का कोई वक्त नहीं होता. जब भी आप चाहे सच्चे मन से भगवान की आराधना कर सकते हैं, और लोग ऐसा करते भी हैं. मंदिरों के अलावा लोग घरों में भी अपने आराध्य देव की पूजा आराधना करते हैं और उन्हें भोग लगाते हैं. अगर आप भी अपने घर में ऐसा करते हैं, तो जान लीजिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि आप भी अनजाने में ऐसी गलती कर रहे हैं, जिससे आपको पूजा का फल मिलने की बजाय आपके लिए यह नुकसानदेह हो सकता है. दरअसल भगवान को भोग लगाने के कई नियम बनाए गए हैं और इस दौरान कई चीजों को करने की मनाही होती है. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो आज ही अपनी इस आदत में बदलाव कर लें.
शाम के वक्त लगा रहे हैं भोग तो रखें इन बातों का ख्याल
लोकल 18 से बातचीत में ज्योतिषाचार्य पंडित शत्रुघ्न आचार्य बताते हैं कि सुबह हो या शाम किसी भी वक्त भगवान की पूजा की जा सकती है. शाम के वक्त भी लोग अक्सर भगवान की पूजा करते हैं और उन्हें भोग लगाते हैं. अगर आप भी शाम के वक्त भगवान की पूजा करते हैं और उन्हें भोग लगाते हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शाम के वक्त अगर आप भगवान को भोग लगा रहे हो तो आपको चाहिए कि आप उन्हें जो भी प्रसाद, पुष्प, फल, अक्षत सहित पूजा का अन्य सामान अर्पित करते हैं उन्हें तुरंत ना हटाए. शाम के वक्त लगाए गए भोग को सुबह ही हटाए. इसके अलावा शाम में अगर आप भगवान के भोग में दूर्वा और तुलसी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रहे की संध्या काल में इन दोनों चीजों को तोड़ने की मनाही होती है, आप शाम के वक्त इन चीजों को ना तोड़े.
शाम की पूजा में रखें इस बात का ध्यान
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शास्त्रों में लिखा है कि जब भी भगवान की पूजा होती है उससे पहले अपने इष्ट देव की पूजा जरूरी होती है. सुबह की गई पूजा में सबसे पहले भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए, उसके बाद ही किसी देवता की पूजा करनी चाहिए. लेकिन अगर आप शाम के वक्त यह पूजा कर रहे हो तब ऐसा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संध्या काल में सूर्य भगवान की पूजा किए बगैर अपने इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर आप हनुमान जी की पूजा कर रहे हो तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि दोपहर 12:00 से 1:00 के बीच हनुमान जी को भोग नहीं लगाएं. इन बातों का ध्यान रखकर आप अपनी पूजा का दुगना फल का सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 06:01 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.