नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी वी के सक्सेना के बीच तल्खी जगजाहिर है. इस बीच एलजी ने इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख लिख कर केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है. वी के सक्सेना ने अपने लेख में लिखा है ‘बहुप्रचारित “दिल्ली स्वास्थ्य मॉडल” एक छलावा है. मोहल्ला क्लीनिक जो “वॉक-इन डॉक्टरों” की भर्ती करते हैं, वे मरीजों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के सबसे खराब मॉडल पर चलते हैं.’
उन्होंने अपने लेख में आगे लिखा ‘8,000 करोड़ रुपये की लागत से 20 से अधिक नए अस्पताल बनाए जा रहे हैं. पूरा ध्यान निर्माण पर है, बजट पर एक भी प्रयास किए बिना, 38,000 पदों को बनाने और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की खरीद की आवश्यकता है. अगले कुछ महीनों में, इनमें से कुछ इमारतें बनकर तैयार हो जाएंगी और उपेक्षा की कब्र के रूप में सामने आएंगी.’
सफाई पर भी साधा सरकार पर निशाना
वी के सक्सेना ने अपने लेख में आगे लिखा दिल्ली की वायु गुणवत्ता दुनिया में तीसरी सबसे खराब है. गाजीपुर, ओखला और भलस्वा में कूड़े के पहाड़ जैसे ढेर राष्ट्रीय राजधानी पर एक धब्बा हैं. नई दिल्ली क्षेत्र को छोड़कर शहर के अधिकांश हिस्सों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एक भयावह दृश्य प्रस्तुत करता है. शहर की जलापूर्ति की जीवनरेखा यमुना एक खुला नाला बन गई है. 22 खुले नाले बिना उपचारित सीवेज को सीधे नदी में बहा देते हैं. पिछले एक दशक में हज़ारों करोड़ रुपये जनता के पैसे एक हास्यास्पद सफाई के नाम पर खर्च किए गए हैं.
दिल्ली मॉडल लोकलुभावन प्रचार
उन्होंने आगे लिखा शहर की सरकार नई सड़कें, नालियां, वाटर ट्रीटमेंट और स्टोरेज सुविधाएं तथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए पर्याप्त निवेश नहीं कर रही है. क्या शासन की घोर विफलताओं को शासन के “दिल्ली मॉडल” पर मात्र लोकलुभावन प्रचार के पीछे छिपाया जा सकता है? 10 साल पहले राजस्व अधिशेष वाला राज्य, दिल्ली कर्ज के जाल में फंसने का जोखिम उठा रहा है. नियमित मरम्मत और रखरखाव के लिए पर्याप्त धन नहीं है. यही कारण है कि सीवर लाइनें जाम हो जाती हैं, नालियां ओवरफ्लो हो जा
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 10:53 IST