शिमला. हिमाचल प्रदेश सहित पहाड़ी राज्यों में ठंडक बढ़ना शुरू हो गई है. पहाड़ों में सर्द हवाओं से शाम के समय तापमान में गिरावट देखने को मिलती है. लेकिन, मैदानी क्षेत्रों में अभी भी तापमान सामान्य है या यूं कहे कि अभी भी गर्मी का आलम है. शिमला, किन्नौर, लाहौल स्पीति, कुल्लू, चंबा और मंडी के ऊपरी क्षेत्रों में ठंडक बढ़ना शुरू गई है. लोगों ने सर्दियों के कपड़े निकालना भी शुरू कर दिया है. हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो अभी सर्दियां शुरू नहीं हुई है. मौसम विभाग की क्लाइमेटोलॉजी के अनुसार सर्दियां आने में अभी करीब 2 महीनों का समय है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग की क्लाइमेटोलॉजी या क्लासिफिकेशन के अनुसार 1 जनवरी से 28 या 29 फरवरी तक विंटर सीजन रहता है. वहीं, मानसून की रवानगी के बाद 31 दिसंबर तक पोस्ट मानसून सीजन रहता है. हिमाचल में 2 अक्टूबर को मानसून की रवानगी के बाद से पोस्ट मानसून चल रहा है. विंटर सीजन के आने में अभी समय है और ऐसे में विंटर स्पेल के बारे में सटीक पूर्वानुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है.
इस वर्ष जिला शिमला में दर्ज की गई सबसे अधिक बारिश
बता दें कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान 18 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. जिला शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर और कांगड़ा में सामान्य के आस पास बारिश दर्ज की गई है. वहीं, जिला चंबा, ऊना, हमीरपुर, सोलन, किन्नौर और लाहौल स्पीति में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है.
पूरे सीजन के दौरान जिला शिमला में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक थी. वहीं, लाहौल स्पीति में सबसे कम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से माइनस 69 प्रतिशत थी. इसके अलावा जून में माइनस 54 प्रतिशत, जुलाई में माइनस 29 प्रतिशत, अगस्त में माइनस 5 प्रतिशत और माइनस 4 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई.
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FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 09:22 IST