भरतपुर. भरतपुर के अपना घर आश्रम में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां एक शख्स 18 साल पहले गुम हुई अपनी पत्नी ललिता को लेने के लिए पहुंचा. 1500 किलोमीटर का सफर तय करके शिवलीगप्पा भरतपुर पहुंचा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शहर के ‘अपना घर’ आश्रम में रह रही पत्नी को देख पति शिवलीगप्पा भावुक हो गया. उसने चुटकीभर सिंदूर लेकर फिर पत्नी की मांग भर दी. गले में मंगलसूत्र पहनाया. फिर कंगन, झुमके, बाली और कपड़े पहनाए. पत्नी के सोलह शृंगार का यह सामान पति की दूसरी पत्नी महानंदा ने भेजा था. यह जानकर आश्रम में मौजूद लोग हैरान रह गए.
ललिता कर्नाटक के गुलबर्गा जिले के मटौली गांव की रहने वाली है. 18 साल पहले दिमागी हालत सही न होने की वजह से वह घर से गायब हो गई थी. पति शिवलिगप्पा ने ललिता को काफी तलाशा लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. तीन बच्चों की परवरिश अकेले कर पाना शिवलीगप्पा के लिए मुश्किल था. ऐसे में उसने दूसरी शादी महानंदा से कर ली.
2013 में सूरत के चैरिटेबल ट्रस्ट को ललिता को सड़क से रेस्क्यू किया था. जगह की कमी की वजह से ललित को भरतपुर के ‘अपना घर’ आश्रम में भेज दिया गया. ललिता का भरतपुर में इलाज हुआ तो दिमागी हालत में सुधार हुआ. उसकी याददाश्त भी लौट आई. उसने अपने घर का पता आश्रम के सदस्यों को बताया. आश्रम के सदस्यों ने प्रशासन संपर्क साधा. प्रशासन ने कर्नाटक राज्य के अफजलपुर थाने में संपर्क किया और पूरी बात बताई. उसके बाद पुलिस ने शिवलीगप्पा को बताया और ललिता के जीवित होने की जानकारी दी तो परिवार में खुशियां वापस लौट आईं. शिवलीगप्पा और उसका परिवार ललिता को लेने अपना घर आश्रम पहुंचा और वहां से लेकर वापिस कर्नाटक रवाना हुए. शिवलीगप्पा ने बताया कि ललिता के मिलने की खुशी सबसे ज्यादा उसकी दूसरी पत्नी को है.
FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 24:16 IST