Homeदेश29-30 अगस्त को है ये विशेष व्रत, राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है...

29-30 अगस्त को है ये विशेष व्रत, राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है इस व्रत की कहानी

-


जयपुर. हिंदू रीति रिवाज के अनुसार व्रत का एक विशेष महत्व है. व्रत के दौरान महिलाएं व्रत वाले दिन निराहार रहकर अपने आराध्य की पूजा अर्चना करती है. करवा चौथ, देव प्रबोधिनी एकादशी, धनतेरस, गुरु पर्व के अलावा भी आने को ऐसे व्रत है इनको करने विशेष फल की प्राप्ति होती है.

अजा एकादशी व्रत 29 को किया जाता है. यह व्रत भगवान कृष्णा और हर के सहारे बाबा श्याम को समर्पित होता है. इसके अलावा बछ बारस का व्रत 30 अगस्त को आता है. इस व्रत के दौरान अपने आराध्य की पूजा अर्चना की जाती है.

अजा एकादशी व्रत
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है. भाद्रपद कृष्ण एकादशी का नाम अजा है. पंडित घनश्याम शर्मा ने बताया कि इस व्रत के करने से सब प्रकार के पापों का नाश करने वाली है. इस दिन खाटूश्याम जी ओर भगवान ऋषिकेश की पूजा करनी चाहिए. अजा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के पाप नष्ट होकर अंत में वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं.

इस व्रत से पुनर्जन्म की बाधा दूर हो जाती है. चंद्र प्रकाश ढाढण ने बताया कि प्राचीन काल में चक्रवर्ती राजा हरिश्चंद्र ने इसी व्रत से अपनी बिगड़ी हुई दशा से उद्धार पाया था. इस एकादशी की कथा के श्रवणमात्र से भी अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है.

बछ बारस का व्रत
इस व्रत को बछड़ा व्रत भी कहा जाता है. भाद्रपद कृष्ण द्वादशी को बछ बारस का व्रत आता हैं. यह व्रत गोपालन और गायों के प्रति श्रद्धा से जुड़ा होता है. इस व्रत के दौरान मध्यान्ह से पहले गाय की पूजा करके पहले दिन भिगोकर उगाये हुए मूंग, मोठ और बाजरे का भोग लगाते हैं. व्रत वाली स्त्रियां अपनी भोजन सामग्री में भी मूंग, मोठ और बाजरे को ग्रहण करती है. इसके अलावा इस व्रत में गाय का दूध- दही काम में नहीं लिया जाता है.

बछ बारस व्रत के लाभ
चंद्र प्रकाश ढाढण ने बताया कि बछ बारस व्रत करने से व्यक्ति की धार्मिक भावना और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार होता है. यह भगवान कृष्ण और गायों के प्रति आस्था और भक्ति को बढ़ावा देता है. इसके अलावा यह व्रत परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है. वहीं व्रत के दौरान की गई पूजा और कर्म से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Religion 18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



Source link

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts